खुशी छीनकर
खुशी छीनकर
कैसा संसार देता है
कोई ऐसा भी
क्या प्यार देता है
जो छीन ले सब कुछ
ऐसा दुख भरा संसार देता है
शरण में रहने वाले को
कौन धिधकार देता है
जान से भी ज्यादा चाहें
ऐसे को कौन ठोकर मार देता है
ऐ रब किसे कोसूं
क्या ऐसा भी कोई प्यार देता है
गगन के आयामों से
छीन जाए...
कैसा संसार देता है
कोई ऐसा भी
क्या प्यार देता है
जो छीन ले सब कुछ
ऐसा दुख भरा संसार देता है
शरण में रहने वाले को
कौन धिधकार देता है
जान से भी ज्यादा चाहें
ऐसे को कौन ठोकर मार देता है
ऐ रब किसे कोसूं
क्या ऐसा भी कोई प्यार देता है
गगन के आयामों से
छीन जाए...