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दृढनिश्चय
*शीर्षक दृढनिश्चय* संस्कार को बचपन से ही घरेलू उपचार पर विशेष रूचि था। उसे अपने माता-पिता को देखकर विभिन्न प्रकार के दवाओं का ज्ञान हो गया था। उसके दोस्तों अक्सर उसके बताए हुए नूस्खे को सुनकर मजाक उड़ाया करता था।
संस्कार को इस बात पर कभी कोई शिकायत नहीं था।। वह अपने घर में भी कई तरह के पौधे रोपित किया था।
एक बार शाला में मेले का आयोजन किया गया। सभी बच्चे कई प्रकार के पकवानों, खिलौनों, के स्टाल लगाए। संस्कार बहुत परेशान था। उसके पास पैसों की तंगी के कारण उसे कुछ नहीं सूझ रहा था।
तभी उसकी मां ने उसे सलाह दी कि घरेलू नुस्खे का दवाई का स्टाल लगाए। वह फिर अपने कार्य में व्यस्त हो गया और अपने पिताजी के मदद से अपना स्टाल लगाया।
एक नवाचार देखकर सभी का मन यकायक संस्कार के बनाए गए उपचारों पर आकर्षित होते गया,जो पूरी तरह से आयुर्वेद चिकित्सा से संबंधित था। जिसमें संस्कार का मेहनत और माता -पिता का अनुभव वह लगन शामिल था।
सबने उसके इस कार्य की भूरी- भूरी प्रशंसा की। उसका भी उत्साहवर्धन हुआ।
भविष्य में इसे और भी ऊंचाईयों पर ले जाने का दृढनिश्चय किया।
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रीता चटर्जी