स्त्री तुम ही तो हो(जग सृजनकार)
हे स्त्री! तुम इस जग को सदैव समझने वाली हो,
तुम ही तो इस जग के पालनहार हो।
हे स्त्री! तुम ही हो जो हमेशा किसी को दुःख नहीं देती हो,
तुम प्रेम हो, आस्था हो, विश्वास हो,
हे स्त्री! तुम्हीं...
तुम ही तो इस जग के पालनहार हो।
हे स्त्री! तुम ही हो जो हमेशा किसी को दुःख नहीं देती हो,
तुम प्रेम हो, आस्था हो, विश्वास हो,
हे स्त्री! तुम्हीं...