कल्पना उस हथनी के दर्द की
आज ये मेरे दिल की कल्पना का दर्द है। जो उस हथनी के साथ हुआ। मुझे उस हादसे ने अंदर तक हिला दिया। मैं उस माँ की पीड़ा को महसूस कर रही हूँ जैसे वो हमसे कहा रही हो मैंने क्या बिगड़ था तुम इंसानो का जो मुझे ये सजा दी। मैं तो बस अपनी भूख को शांत करने के लिए तुम इंसानों से थोड़ा खाना मागने आई थी। नहीं देना तो मत देते खाना मुझे। कम से कम खाने के साथ मुझे मौत तो नही देते। मैं भूखी चली जाती। मगर मेरी गलती थी जो तुम इंसानों पर विशवास कर लिया। तुम इंसानों ने अपने मजे के लिए मेरे अंदर पल रहे मेरे बच्चे को भी मार दिया। तुम इंसानों ने मेरी हत्या करी है। मै अपने अंत समय मे उस पानी मे अपने अंदर पल रहे अपने बच्चे से माफी मांग रही थी की मेरे विशवास की कीमत हम दोनों को चुकानी पड़ी। मैं इतनी दुःखी थी की ये इंसान कब इतना बड़ा शैतान होगया है की उसको एक माँ नहीं दिखी। ये हादसा सिर्फ मेरे दिल की कल्पना है मुझे शर्म आरही है हम ऐसी दुनिया मे है जहाँ इंसान अपनी इंसानियत खो चुका है। मुझे उस हाथनी को देख रोना आगया। की ये कुछ लोगो की मस्ती का शिकार होगयी। मुझे बहुत दुःख है हम कुछ नहीं कर सकते बस बातें करने के और दुःख जताने के अलवा।
@ sangeeta bisht negi 😔😭😭😭
4/6/2020
# pain
@ sangeeta bisht negi 😔😭😭😭
4/6/2020
# pain
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