...

7 views

आत्महत्या समाधान नहीं
अंतरा का आज बारहवीं का परिणाम आने वाला था। उसे बेसब्री से इंतजार था, के कब उस का रिजल्ट आए और वो खुशी से चिल्लाती हुई सब को बताए कि वह बहुत अच्छे नंबरो से पास हो गई है। लेकिन किस्मत को शायद कुछ और मंजूर था.... रिजल्ट तो आ गया लेकिन वो एक सब्जेक्ट में फेल हो गई। उस के घर आस पड़ोस के लोग मिठाई लेकर खुश होते आ रहे थे, अपने बच्चों की जीत की खुशियां बांटने, वहीं जब अंतरा के रिजल्ट के बारे में सब को पता चला तो लोगो ने उसका मज़ाक उड़ाना शुरू कर दिया कि इस के बस का कुछ नहीं,ये कुछ नहीं कर सकती, बस बातें बनाना आता है, इस से कुछ नहीं होगा..... ऐसे ही ना जाने कितने बातें उस को सुना दीं गई। (कितनी अजीब बात है कि लोग बिना कुछ सोचे समझे बिना कुछ जाने किसी को भी जज कर लेते हैं)किसी को भी अन्दाज़ा नहीं था कि उसके मन में क्या चल रहा है। उस रात उसने आत्महत्या करने की कोशिश की। जब वो एसा कदम उठा रही थी तो सोभाग्य से उस वक्त उसकी बड़ी बहन ने उसे ऐसा करते देख लिया। उस की बहन ने उसे समझाया कि लोग बिना मतलब कुछ भी बोलेंगे लेकिन इस का मतलब ये नहीं कि हम अपनी ज़िंदगी को ही खत्म कर ले, ज़िन्दगी एक बार मिलती है लेकिन कामयाब होने के लिए हमारे पास बहुत वक्त है,हम चाहे कितनी भी कोशिश कर के कामयाब बन सकते है।
आज अंतरा एक बहुत बड़ी अफसर बन चुकी है और जिन लोगों ने उसे नीचा दिखाने कि कोशिश कि थी, आज वह सभी उस के काम को सराहना देते हैं।
© Zakiya Kausar