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एक गलती - final part
Part 9

अब तक हमने देखा की आयुष सारी बातें प्रिंसिपल सर को बता चूका है . प्रिंसिपल सर ने कहा है की वो सब ठीक कर देंगे . और ये दोनों अपने हॉस्टल में आ गये . Dinner भी ख़तम कर के Manish ke कमरे में सत्य और आयुष दोनों सोने चले गये ... अब आगे ....
प्रिंसिपल सर ने सुपेरिंटेंडेंट को कहाँ था आज रात कड़ी नज़र रख ना ...जैसे कोई बाहर ना जाने पाए ना ही कोई अंदर आ पाए . तो सुपेरिंटेंडेंट आज रात को कड़ी नज़र रख रहा था . चारों तरफ घूम घूम कर . बीच बीच में दरवाजा knock कर लेता था . सब ठीक है ना अंदर . फिर भी आयुष और सत्य को नींद ही नहीं आ रही थी . मानों जैसे डर उनके ऊपर Puri तरह हावी हो चूका था . रात के 1 बजने को थे दिन भर की थकान इतनी भरी थी की आहिस्ता आहिस्ता नींद भी अब आँखों में उतर ने लगी थी . और दोनों नींद की आगोश में जाने लगे . की तभी अचानक lights off हो गई और रूम के अंदर गर्मी बढ़ने लगी . जैसे मानों अंदर रूम hitter किसी ने लगा दिया हो . Fan बंद हो चूका था और गर्मी के कारण पसीने से तर बतर हो चूके थे और नींद ख़राब करने के लिए मच्छर भी आ चूके थे . एक मच्छर आयुष के कान के अंदर घुस जाता है और फिर नाक से होकर बाहर आ जाता है ...
आयुष अचानक उठ गया . चारों और देखने लगा ऊपर देखा fan घूम रही थी और बगल में सत्य भी सोया हुआ था . आयुष सपना देख रहा था . तो उससे प्यास लगने लगी देखा कमरे के अंदर बोतल में पानी नहीं है तो वो उठ कर बाहर जाने लगा , बोतल में पानी भार ने के लिए . उसने देखा चारों तरफ एक सन्नाटा छाया हुआ है और झींगुर की भी आवाज़ सुनाई दे रही थी . शायद बारिश भी आने वाली थी इसलिए ठंडी ठंडी हवाएं बह रही थी . और देखा की सुपेरिंटेंडेंट चेयर के ऊपर बैठ कर नींद में खर्राटे ले रहा था . वो बड़ी खामोशी से पानी भार ने लगा और पानी भर कर वो कमरे के अंदर आने लगा . जब वो अंदर आकर देखता है तो सत्य अंदर नहीं था . वो पूरी तरह कमरे के अंदर छान बिन करने लगा और जल्दी से घबराते हुए आकर उसने सुपेरिंटेंडेंट को नींद से जगा ने लगा . उठिये सर मेरा दोस्त कमरे के अंदर नहीं है कहाँ गया वो ? आयुष की आवाज़ से सुपेरिंटेंडेंट भी चौंक गया . हड़बड़ते हुए पूछने लगे क्या हुआ आयुष . तो आयुष ने कहा की सर वो सत्य कमरे के अंदर नहीं है . आरे यही कहीं होगा देखो तो अच्छे से . की तभी सत्य washroom से बाहर आने लगा और कहाँ क्या हुआ आयुष ?? तो आयुष ने कहा कहाँ चला गया था तू ? सत्य कह ने लगा आरे भाई में वो washroom आया था . कमरे की दूर खोलने से मेरी नींद भी टूट गई . और देखा तेरी हाथों में water बोतल था तो में washroom चला गया . आयुष ने कहा जाना था तो कह कर जा नहीं सकता था . में कितना परेशान हो गया था तुम्हारे लिए . अगर तुझे कुछ हो जाता तो . में तुम्हें खोना नहीं चाहता हूँ . सब को तो खो चूका हूँ . कह कर आयुष ने सत्य को गले लग गया . सत्य ने कहा भाई तेरे होते हुए मुझे कुछ हो भी नहीं सकता . फिर ना चाहते हुए भी दोनों की आँखों में से दो बूँद आँसून निकल पड़े . सब को लगता है लड़के रोते नहीं है . लेकिन हम लड़के रोते भी हैँ .
ये देख कर सुपेरिंटेंडेंट भी थोड़ा उदास हो गया और कहा अब जाओ रात बहुत हो चुकी है जाओ सो जाओ . तो दोनों एक साथ कमरे के अंदर जाने लगे और lights off करके दोनों सोने lage. ठीक रात 2.14 मिनट पे आयुष की नींद खुली . और बेड पर बैठ गया . वो भी बिलकुल किशोर की तरह बेड पे बैठ कर अपना सर घूमने लगा . पहले आहिस्ता आहिस्ता और फिर जोरों से . फिर वो रुक गया . फिर वो अपने दोस्त की और देखने लगा . वो आहिस्ते से नीचे उतरा और सत्य के चहरे के पास आ गया और उसके चहरे पे एक pillow रख कर उस के ऊपर झपट पड़ा . इस से सत्य की नींद टूट तो चुकी थी लेकिन उसके face के ऊपर pillow था और उससे कोई जोरों से दबा रहा था . सत्य अपनी हाथ पैर पीट ने लगा लेकिन आख़िर कर सब कुछ शांत हो गया . सब शोर शराबा खतम हो चूका था . सत्य की death हो चुकी थी . आयुष ने पास से एक छुरी ( knife ) निकल लिया और फिर उस ने सत्य की हाथ और पैरों की नस काट दिया . जिस से खून बहता ही जा रहा था फिर उसके गले के भी उसी knife से काट दिया और उस के गले से खून पिने लगा .
सुबह हो चुकी थी सब बचे और सुपेरिंटेंडेंट अब उन दोनों के कमरे के बाहर खड़े थे . खून की एक लाइन अंदर से होते हुए बाहर आ रही थी . बाहर पूरी तरह खून से भर गया था . लेकिन किसी की हिम्मत ही नहीं हो रही थी कमरे के अंदर जाकर देखे . फिर पुलिस और प्रिंसिपल सब आने लगे एक एक करके . जब कमरे के अंदर देखा गया था सत्य की लाश खून से सनी हुई पड़ी थी . और आयुष अंदर से गायब था . तो सब डर चूके थे . फिर कमरे के अंदर bed के नीचे देखा गया लेकिन आयुष अंदर से गायब था . हॉस्टल का gate अंदर से ही बंद था लेकिन आयुष hostel में ही नहीं था . सब ने hostel के चारों और देखने लगे . पुलिस भी कुछ trained dog के साथ मिल कर जंगल की तलाशी करने लगे . लेकिन आयुष का कोई नामो निशान नहीं मिला . ना ही कोई सबूत ना ही उसकी body. सत्य की post mortem में आया की दम घुटने से मौत हुई थी और उस चाकू (knife) पे आयुष के उंगलियों के निशान थे और उसकी neck पे आयुष के DNA sample मिले . सब ने मिल कर उस दिन पूरा जंगल ढूंढे लेकिन उसकी body उन लोगों को कभी मिली ही नहीं . ना आज तक कभी उस की body किसी को मिल पाई है .
उस दिन दोपहर को कॉलेज पे call आया की श्याम पूरी तरह पागल हो चूका था . वो अब कुछ जान भी नहीं पा रहा है . फिर उसके बाद उस कॉलेज से सब छोड़ कर जाने लगे और वो कॉलेज भी बंद हो गया . लोग कहते हैँ रात में उस जंगल में किसी लड़के की रोने की आवाज़ सुनाई देती है और बस एक आवाज़ सुनाई देती है की सब गलती मेरी ही है ,सब गलती मेरी ही है , सब गलती मेरी ही है .. क्या वो आवाज़ आयुष की थी... किशोर की थी... या उन culprit लड़को की... या फिर मंजू की...?