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योगा डे शुभकामनाएं
*योगा डे - 210622 :*

*योगा के आंतरिक और बाहरी दोनों अर्थ हैं। योगा (प्राणायाम) के विधिपूर्वक और नियमपूर्वक अभ्यास करने से हमारे शरीर में रासायनिक परिवर्तन होते हैं। हमारी अंतःस्रावी ग्रंथियां संतुलित रूप से सक्रीय रहती हैं। हमारा शरीर रासायनिक प्रक्रियाओं के आधार से ही काम करता है। मन भी रासायनिक प्रक्रियाओं से निरंतर प्रभावित होता है। रासायनिक परिवर्तनों से हमारे तन व मन में नई ऊर्जा का संचार हो सकारात्मक सृजनात्मक प्रभाव पड़ता है।*

*प्राचीन काल के ऋषि मुनि वैज्ञानिक थे। उन्होंने योगा के विज्ञान को खोज निकाला और इसके प्रचार प्रसार की महत्ता पर बल दिया। शरीर में रासायनिक प्रक्रियाओं के द्वारा रासायनिक परिवर्तन होने से नई ऊर्जा के संचार होने का तथ्य वैज्ञानिक आधार रखता है। नई और संतुलित ऊर्जा का प्रभाव शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बेहतरीन प्रभाव पड़ने का भी वैज्ञानिक आधार है।*

*ध्यान रहे : योगा (प्राणायाम) का प्रतिदिन अभ्यास करने से पहले प्रत्येक व्यक्ति को स्वयं की शारीरिक आयु, स्वयं के शारीरिक स्वास्थ्य की वर्तमान स्थिति, उचित समय, उचित आहार आदि सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर करना चाहिए। योगाभ्यास अनगढ़ तरीके से नहीं करना चाहिए। अन्यथा हानि होने की भी संभावना रहती है। यदि सभी बातों का ध्यान रख कर योगाभ्यास किया जाए तो लाभ ही लाभ अपार हैं। योगाभ्यास यदि विधिवर्वक करें तो तन और मन का स्वास्थ्य आपका अपना है। यदि तन और मन स्वस्थ्य रहता है तो अध्यात्मिक स्वास्थ्य को बढ़ाने में बहुत सहजता रहती है। क्योंकि ये तीनों की उर्जायें परस्पर जुड़ी हुई होती हैं और परस्पर एक दूसरे को प्रभावित करती हैं। अनगिनत शुभकामनाएं।🙏🙏🙏*