...

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तोहफ़ा इश्क़ का
इस ज़िंदगी ने दर्द तो बहुत दिए हैं पर ,
मेरी हिम्मत ने मुझे कभी टूटने दिया नहीं।

जब से मिला मुझे तुम्हारा तोहफ़ा इश्क़ ,
का ये दिल मेरा अब संभले संभलता नहीं।

अब मेरी ये ज़िंदगी खुशियों से भर गई हैं,
अब तन्हाइयों से मेरा कोई भी नाता नहीं।

तुम्हारा साथ पाकर तो मैं धन्य हो गई अब ,
मुझे इस दुनिया से कुछ भी लेना-देना नहीं।

तुम्हारे आने से पहले बेरंग थी मेरी यह ,
ज़िंदगी रंग भर गए इसमें तेरे आ जाने से।

हर पल मैं अब खुश रहने लगी हूॅं जब से ,
रहमत हुई है तुम्हारे इश्क़ की मुझ में।

तुमने मेरी इस ज़िंदगी में आकर मेरे इस ,
अकेलेपन को अपने प्यार से है भर दिया।

अब नहीं ख़लता है मुझे ये अकेलापन ,
क्योंकि तुमने आ के मेरा हाथ है थाम लिया।

इस ज़िंदगी ने दर्द तो बहुत दिए हैं पर ,
मेरी हिम्मत ने मुझे कभी टूटने दिया नहीं।

जब से मिला मुझे तुम्हारा तोहफ़ा इश्क़ ,
का ये दिल मेरा अब संभले संभलता नहीं।