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ब्रह्मज्ञान साधना सूत्र - अमर Brahmagyana Sadhana Sutra - - - -Amar

ब्रह्मज्ञान साधना सूत्र

ब्रह्मज्ञान साधना सूत्र
अमर
Brahmagyana Sadhana Sutra
Amar


सूत्र - 1
हा ! सत्य के विषय में जिज्ञासा जागी है । इस जिज्ञासा को तब तक जगाएं रखना जब तक की सत्य उपलब्ध न हो जाएं ।


Formula 1
Yes! Curiosity has awakened about the truth. Keeping this curiosity up until the truth is available.

सूत्र - 2
जब तक विवेक न जाग जाएं, तब तक शास्त्रों के अनुसार चलना ही हितकर है । तेरे लिए सभी मार्ग खुले है, ज्ञान, ध्यान, योग, और भक्ति के ।

Formula 2
सूत्र - 3
As long as conscious does not wake up, it is only good to walk in accordance with the scriptures. All the ways are open to you, knowledge, meditation, yoga, and devotion.
प्रत्येक व्यक्ति दूसरों को अपने जैसा बनाना चाहता है और जो दूसरों का अनुसरण करता है, वह अपनी समझ खो देता है ।

Formula-3
Every person wants to make others like himself and who follows others, he loses his understanding.

सूत्र - 4
तुम्हारा व्यक्तित्व विकसित होकर वही तुम्हें ब्रह्मज्ञान की ओर ले जाएगा ।

Formula 4
By developing your personality, that will lead you to Brahmagana.

सूत्र - 5
ईश्वर ने जन्म के ही तुम्हें स्वर्ग और नर्क दिये है । यह तुम्हारें ऊपर निर्भर करता है कि तुम स्वर्ग पाते हो या नर्क । ईश्वर तुम्हारी दोनों परिस्थितियों में सहायता पहुंचाएगा ।

Formula 5
God has given you heaven and hell as a birth only. It depends on you whether you find heaven or Hell. God will help you in both of your situations.

सूत्र - 6
जो व्यक्ति जिस भाव से ईश्वर के पास जाता है, ईश्वर उसके भाव स्वरूप ही हो जाता है ।

Formula 6
The person who goes to God with the heart becomes God himself.

सूत्र - 7
ईश्वर भाव स्वरूप है । यदि तुम्हारा भाव ब्रह्म स्वरूप है तो तुम ब्रह्म हो और यदि संसार स्वरूप है तो तुम संसार हो ।

Formula-7
God is the form of emotion. If your consciousness is Brahma, then you are Brahma and if you are in world nature then you are the world.
- 8
ईश्वर तुम्हारें अन्तर्मन में प्रवेश करके स्वयं को महसूस कर सकता है और यही ज्ञान तुम्हारा ज्ञान हो सकता है, यदि तुम उसे प्रवेश करने का अवसर दों । अवसर तभी प्राप्त होता है जब तुम समर्पण करते हों, श्रद्धा रखते हों ।

Formula-8
God can realize himself by entering into your heart and that knowledge can be your knowledge, if you give him an opportunity to enter it. Opportunity is attained only when you surrender, have reverence.
सूत्र - 9
कैसी - भी परिस्थिति हो व्यक्ति को झूठ नहीं बोलना चाहिए...