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truth of life
नमस्कार मित्रों , सभी को मेरा प्यारा सलाम और सुप्रभात आपकी मंगल कामना के साथ रोजाना की भांति आज भी एक विषय पर अपनी राय व्यक्त करना आया हु जिसका शीर्षक है
" परम सत्य "
दोस्तों जब हमें पता होता है की की दिन हमारे मृत्यु निश्चित है तो हम इस जीवन के भंवर में इतने ज्यादा गोते क्यों लगाते है , क्यों हाँ इतने स्वार्थी हो जाते है की सिर्फ हमें हमारे द्वारा बनायीं दुनिया के सिवा और कुछ नहीं दिखता और क्यों हम अपने स्वार्थ के लिए दूसरों की भावनाओं से खेल जाते है
हाँ मुझे पता है की सभी इंसान एक समान नहीं होते है जैसे हाथ की उंगलिया एक सामान नहीं होती है लेकिन अधिकतर व्यक्ति ऐसे ही है |
धन्यवाद
आपकी टिप्पड़ियों का हार्दिक स्वागत है मेरी इस छोटी पोस्ट पर
आपका अपना साथी
एस के मिश्रा
(स्वतंत्र लेखक, विचारक )
#WritcoQuote #story
" परम सत्य "
दोस्तों जब हमें पता होता है की की दिन हमारे मृत्यु निश्चित है तो हम इस जीवन के भंवर में इतने ज्यादा गोते क्यों लगाते है , क्यों हाँ इतने स्वार्थी हो जाते है की सिर्फ हमें हमारे द्वारा बनायीं दुनिया के सिवा और कुछ नहीं दिखता और क्यों हम अपने स्वार्थ के लिए दूसरों की भावनाओं से खेल जाते है
हाँ मुझे पता है की सभी इंसान एक समान नहीं होते है जैसे हाथ की उंगलिया एक सामान नहीं होती है लेकिन अधिकतर व्यक्ति ऐसे ही है |
धन्यवाद
आपकी टिप्पड़ियों का हार्दिक स्वागत है मेरी इस छोटी पोस्ट पर
आपका अपना साथी
एस के मिश्रा
(स्वतंत्र लेखक, विचारक )
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