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जिंदगी का सफर एक जज्बा part 2
वो कई बार गिरी
और खुद ही उठी है
वो एक अकेली लड़की
हौसलो से भरी है...

वो अपने ससुराल वालों के व्यवहार से तंग आ गई थी||उसके मायके वालों को भी उसके दुखों से कोई मतलब नहीं था||

शादी के एक साल गुजरने के बाद भी उससे कोई मिलने तक नहीं आया उसको समझते देर न लगी कि उसके पिता ने शादी नहीं बल्की उसका सौदा किया था||

राजश्री खुद को बहुत ही अकेला महसूस करती थी और अपने दर्द को किसी से नहीं कहती थी क्योंकि उसको पता था कि उसको कोई भी नहीं समझेगा!!

कई बार उसके दिल में मरने का भी ख्याल आया, लेकिन वो अपने जीवन में खुश रहना चाहता थी इस लिए उसने अकेले रहने का फैसला किया ||

जिंदगी में सब कुछ छोडकर एक बार फिर से उसने आगे बढ़ने का फैसला किया ||
और हमने अपने ससुराल से भागने का फैसला किया!!

देर रात सबके सोने के बाद जब वो अपना सूटकेश लेकर जाने लगी तो उसके दिल में एक ख्याल आया,वो सोचने लगी कहीं मेरे इस कदम से मेरे पिता पर कोई मुसिबत न आ जाए,

लेकिन फिर उसने खुद से ही कहा कि मुझे इस मुसिबत में डालने वाला खुद मेरा पिता ही है|

सभी के किए हुए व्यवहार को सोच वो अपनी आंखों में आंसू लेकर उस घर को छोड़ चली,जहां उसे सिर्फ दुखों के अलावा कुछ भी नहीं मिला||

वो रास्ते भर सोचती रही की कहा जाए वो कोई तो नहीं है उसका अपना ,एक बार फिर उसने अपने पिता के घर जाने का फैसला किया||

वो अपने पिता के घर गई और वहा रहने लगी,
कुछ दिन तो वहा अच्छे से गुजरा लेकिन फिर से उसके सास ससुर और पति उसको वापस लाने के लिए उसके माइके पहुंच गए||

जब उसके पति रणजीत ने उसको वापस घर चलने को कहा तो उसे मना कर दिया,उसके पति ने कहा तेरी वजह से मेरी बेजत्ती हो रही है चल फिर तुझको बताता हूं!!(राजश्री का हाथ पकड़ कर घसीटते हुए)

राजश्री ने गुस्से में रंजीत का हाथ झटक दिया और एक थप्पड़ खींचकर उसके गाल पर मारा और बोली तेरे जैसे इंसान के साथ रहने से अच्छा मैं अकेले ही रहु,और उससे तलाक लेने का फैसला किया||

तलाक लेने के बाद राजश्री अपने मायके में रहने लगी||

कुछ दिन सुख से बीते!
लेकिन फिर उसकी सौतेली मां और पड़ोसियों ने भी ताने देना शुरू कर दिया,और उसने इस बार सब कुछ छोड़ कहीं बहुत दूर जाने का फैसला किया||



अब कहा जाएगी राजश्री,क्या कोई देगा उसका साथ या वो खो जाएगी इस दुनिया की इस भीड़ में,

आखिर क्या होगा अब राजश्री का अगला कदम जानने के लिए पढ़ते रहें,(जिंदगी का सफर एक जज्बा)





© hema singh __