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तेरी-मेरी यारियाँ ! ( भाग - 10 )
देवांश :- गुस्से से,,,,,,,,, हाँ माँ पार्थ सही बोल रहा है । आप एक काम करो गाड़ी की चाबी रख लो । मैं पैदल ही कॉलेज चला जाऊँगा ।

अनुराधा :- ठीक है । विहान जी अभी ऑफिस जा ही रहे है । पार्थ को वो ही स्कूल छोड़ देंगे ।

जो देवांश अभी तक गुस्से मे बैठा था अनुराधा की यह बात सुनकर उसको हँसी आ जाती है लेकिन वह अपनी हँसी को छिपा कर बोलता है ।

देवांश :- गुस्सा दिखाते हुए,,,,,,,,,, माँ आपने बिल्कुल ठीक कहाँ । ये भी स्कूल टाइम से पहुँच जाएगा और मैं भी आराम से नाश्ता कर लूँगा ।

विहान नाम सुनते ही पार्थ के तो हाव-भाव ही बदल गए । वह मुस्कुराने का नाटक करते हुए अनुराधा से बोलता है ।

पार्थ :- क्यों माँ उनके साथ क्यों जाना है । देवांश भईया है ना छोड़ देंगे ।

अनुराधा :- लेकिन बेटा...