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Chapter 8 देविका कि scholarship.
..... 💬💬😃 चलिए चलते है आगे...

जैसे ही दक्ष कुटिया के पास पहुंचा, उसने देविका और मोहनलाल को दरवाजे पर खड़े देखा, उनकी आँखों में आँसू चमक रहे थे। वह मोहनलाल की ओर दौड़ा और उसे गले लगा लिया और फिर देविका की ओर दौड़कर उसे कसकर गले लगा लिया। "मैंने तुम्हें बहुत याद किया," वह फुसफुसाया, उसकी आवाज भावनाओं से कांप रही थी।

देविका मुस्कुरायी, उसका हृदय खुशी से भर गया। "मैंने भी तुम्हें याद किया है," उसने जवाब दिया, उसकी आवाज़ मुश्किल सुनाई दे रही थी।❤️‍🔥🤌



जैसे ही वे गले मिले, शोर-शराबे के बारे में उत्सुक होकर ग्रामीण आसपास इकट्ठा होने लगे। दक्ष और देविका को पता ही नहीं चला, वे अपनी छोटी सी दुनिया में खोए हुए थे।।

आख़िरकार, वे पीछे हटे, हाथ आपस में जुड़े, और एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराए। दक्ष को उस क्षण पता चल गया कि वह उसे फिर कभी जाने नहीं देगा।

ग्रामीणों ने दक्ष का ख़ुशी से स्वागत किया।🪷🥸

फिर शाम को देविका और दक्ष घूमने गए सिक्किम में उनका घर एक बहुत ही अच्छी लोकेशन पर स्थित है.. नदी, पहाड़, झरने और पेड़ पौधे चारो तरफ फैले हुए है।।।

जैसे ही वे नदी के किनारे एक साथ बैठे, सूर्यास्त देख रहे थे, दक्ष ने देविका की ओर मुड़कर कहा, "मुझे खेद है कि मैंने तुम्हें कभी अकेला छोड़ा.. अब मैं तुमसे वादा करता हूं कि मैं तुम्हें कभी नहीं छोड़ूंगा।तुम मेरी जिंदगी हो देविका. मैं तुम्हारे बिना अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकता।😮‍💨



देविका और दक्ष एक साथ बहुत खुश हैं। 🤓देविका कहती है सुनो दक्ष मैं तुमसे कुछ कहना चाहती हूँ। "मुझे अपने स्थानीय...