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#चिट्ठी पार्ट 1
#चिट्ठी
लाइब्रेरी में बैठी हुई निकिता क़िताब के पन्ने पलट रही थी और बेसब्री से सुप्रिया का इंतज़ार कर रही थी। जब से सुप्रिया का कॉल आया था और उसने उसे लाइब्रेरी बुलाया था ये कह के की उसको उस चिट्ठी के बारे में कुछ पता चला है, तब से निकिता बेचैन थी।
इंतजार करते-करते आधा दिन निकल चुका था सुप्रिया नहीं आई थी तभी निकिता ने सुप्रिया को कॉल किया उसने बताया कि मैं बस पहुंचने वाली हूं बस थोड़ा इंतजार करो
सुप्रिया निकिता से यह कह कर कॉल काट
देती है कुछ समय बाद सुप्रिया लाइब्रेरी मैं पहुंच जाती हैं
तुरंत निकिता खड़ी होकर सुप्रिया से चिट्ठी के बारे में पूछती है जो उसे किसी अजनबी ने भेजी थी
सुप्रिया बताती है कि वह चिट्ठी मिस्टर दिक्षित के बेटे आदित्य ने भेजी थी जो कि आर्ट एग्जीबिशन मैं भाग लेने वाला था वह चाहता था कि निकिता भी उसके साथ कंपटीशन में पार्टिसिपेट करें
परंतु उस चिट्ठी पर उसने अपना नाम नहीं लिखा था क्योंकि वह नहीं चाहता था कि निकिता को पता चले कि आदित्य उसकी मदद करना चाहता था क्योंकि उसे पैसों की बहुत ज्यादा जरूरत है
पर निकिता बहुत खुद्दार लड़की थी वह किसी की भी मदद नहीं लेना पसंद करती थी इसलिए आदित्य ने उसे कंपटीशन मैं पार्टिसिपेट करने के लिए अननोन बनकर उसे चिट्ठी लिखी
क्योंकि आदित्य निकिता को पसंद करता था और वह उसे इस तरह परेशान होते हुए नहीं देख सकता था
यह सारी बातें जानने के बाद निकिता बहुत खुश हो जाती है और कंपटीशन में पार्टिसिपेट करती है और आदित्य को जाकर थैंक्यू बोलती हैं पर आदित्य कहता है कि तुम मुझे थैंक्यू क्यों बोल रही हो मैंने क्या किया है निकिता कहती है कि तुमने मुझे यह चिट्ठी लिखी थी कंपटीशन में पार्टिसिपेट करने के लिए इसलिए मैं तुम्हें थैंक्यू बोल रही थी
फिर आदित्य कहता है कि यह चिट्ठी मैंने नहीं लिखी।
यह सुनकर निकिता हैरान हो जाती है कि फिर किसने लिखी।
by -nandani