...

17 views

"आंखे"...💞💞
अमित अपने मां बाप की पहली संतान था। बहुत ही सुंदर चेहरा , गौरा रंग, सुनहरे बाल, गुलाबी होंठ और आंखे;
आंखे तो जैसे भगवान उसे देना ही भूल गए थे। अमित जन्म
से ही अंधा था। भगवान ने शायद उसे आंखो के बदले गुणों का
भंडार उपहार में दे दिया था।
अमित अपने रंग रूप के साथ साथ अपनी आवाज का भी
धनी था, कॉलेज में उसके साथी ही क्या शिक्षक गण भी उसकी
आवाज से मंत्रमुग्ध हो जाते थे।
एक दिन अमित की सहपाठी मुक्ता ने अमित से कहा ,
कि मै तुम्हे बहुत पसंद करती हूं ।तुम्हारा चेहरा,तुम्हारा व्यवहार ,
तुम्हारा स्वभाव ,तुम्हारी आवाज सब कुछ लुभावना है।
क्या तुम मुझे अपना जीवनसाथी बनाना पसंद करोगे।
अमित हंसकर बोला कि बाकी सबका तो पता नहीं मुझे ,
पर जिस चेहरे की तुम बात कर रही हो ,उसे तो मैंने कभी देखा ही
नहीं ।
तब मुक्ता ने कहा, अगर तुम मुझे एक मौका दो तो आज के बाद तुम अपना चेहरा और सारी दुनिया मेरी "आंखो" से देख सकोगे।
मुक्ता अमित का जवाब सुने बिना ही उसका हाथ पकड़ कर
आगे चल पड़ी।

#मेरी_कहानी✍️💞
#लघुकथा🌹❤️
© preet_90aii