वो भी क्या दिन थे।
वो भी क्या दिन थे।
गुजर जाता था दिन पर मेरी रात न होती
दोस्तों की टोली में खामोशी की रात न होती
खेल का पिटारा कभी कम ना होता
और...
गुजर जाता था दिन पर मेरी रात न होती
दोस्तों की टोली में खामोशी की रात न होती
खेल का पिटारा कभी कम ना होता
और...