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लोकतंत्र और गीले बाल
पॉलिटिकल साइंस के सेमिनार में एक विद्यार्थी का बयान था कि मेरा तो यक़ीन लोकतंत्र पर से सन 1996 में ही उठ गया था..!
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कहने लगा कि ये उन दिनों की बात है जब एक शनिवार को मैं मेरे बाक़ी तीनों बहन भाई, मम्मी पापा के साथ मिलकर रात का खाना खा रहे थे ।
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पापा ने पूछा:- कल तुम्हारे चाचा के घर चलें या मामा के घर?
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हम सब...