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Ek aurat ke chale jane se 
Ek aurat ke chale jane se


यह कहानी हैं एक ऐसे परिवार की जिसमें सूरज उसकी वाइफ आयुषी और इनके दो बच्चे ऋषभ और तनाया हैं। जो काफी छोटे हैं। ऋषभ 5 साल का और तनाया 3 साल की है।


सूरज और आयुषी दोनो जौब करते हैं। दोनो सुबह 9 बजे साथ - साथ औफिस जाते हैं और शाम को 7 बजे बापस आना होता हैं।


सूरज और आयुषी की लव मैरिज थी। दोनों ने परिवार के खिलाफ जाकर शादी की थी क्योंकि आयुषी के परिवार वाले शादी के लिए राजी नहीं हो रहे थे। जिसके कारण उन्होनें भागकर शादी की।


दोनों एक साथ खुशी खुशी अपनी लाइफ इंजॉय कर रहे थे और अपनी जिंदगी एक बेहतर तरीके से जी रहे थे। दोनो की शादी को कुछ दिनों में पूरे 7 साल होने बाले थें। जिसकी पार्टी की तैयारी चल रही थी।...


सूरज और आयुषी की शादी मई के महीने में हुई थी। इस समय बच्चों के स्कूल की छुट्टियां हो जाती है। जिसके कारण दोनों बच्चों को एनिवर्सरी की पार्टी के बाद बाहर घूमने जाने के लिए प्लानिंग जोरो पर थी।


एनिवर्सरी के दिन दोनों ने अच्छे से पार्टी की। जिसमें परिवार के सभी लोग शामिल हुए, सोसाइटी वाले, ऑफिस के फ्रेंड्स सभी ने अच्छे से इंजॉय किया।


फ्रेंड्स - हैप्पी एनिवर्सरी सूरज-आयूषी… तुम दोनो दुनिया की बेस्ट जोडी़ हो। तुम्हें किसी की नजर न लगे।

इस पर सभी हंसने लगे।


फिर सब ने खाना खाया और ढेर सारी बातें की…

पार्टी देर रात तक चली। सब कुछ अच्छा रहा। सब लोग बहुत खुश थे।


एक हफ्ते बाद सूरज और आयुषी बच्चों के साथ घूमने जाने वाले थे। जिसकी तैयारियां चल रही थी। घूमने जाने के लिए दोनों ने छुट्टी ले ली थी। इसके कारण ऑफिस का काम थोड़ा बढ़ गया था।


एक दिन ज्यादा काम होने के कारण आयुषी अकेली ऑफिस से घर लौट रही थी। ज्यादा काम करने के कारण और देर रात हो जाने के कारण आयुषी काफी थक गई थी।


स्कूटर से आते समय अचानक उसका फोन आ जाता हैं जो सूरज का होता हैं। "बस 5 मिनट में पहुँचती हूँ" कहती है और तब ही अचानक से तेजी से एक कार चलाता हुँआ बनदा आयुषी को टक्कर मारकर निकल जाता हैं। जिसका पीछा पुलिस कर रही होती हैं।


यहाँ आयुषी मौके पर ही अपना दम तोड़ देती हैं। फोन पर सूरज गाडी़ की आवाज सुनकर और आयुषी का फोन कट हो जाने पर घबरा जाता हैं और तेज आवाज में "आयुषी", "आयुषी", "आयुषी तुम ठीक तो हो" चिल्लाता है और तुरंत वहाँ पहुँचता हैं, जहां आयुषी ने बताया था।


जब सूरज कहां पहुंचा तो आयुषी दम तोड़ चुकी थी। आयुषी को ऐसा देखकर सूरज के होस उड़ गये। उसे जैसे सदमा सा लग जाता हैं।


तभी वहां पर पुलिस पहुंचती है जो उस आदमी का पीछा कर रही थी। जिसने आयुषी को टक्कर मारी।


पुलिस वहां पहुंच कर मौजूद व्यक्ति से बातचीत करती हैं। जिसका नाम सूरज है।



पुलिस - आप यहां क्या कर रहे है ?


सूरज - ये मेरी वाइफ है, आयुषी जो मर चुकी है...


सूरज पुलिस को सारी बात बताता है। इसके बाद सारी जानकारी मिलने के बाद पुलिस उस आदमी के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कर लेती है।


हंसते खेलते परिवार को जैसे किसी की नजर सी लग गई थी। सूरज के और उसके बच्चों के सारे सपने जैसे टूट कर चकनाचूर हो गये थे। दोनों बच्चे जैसे समझ नही पा रहे थे कि मेरी माँ को आखिर हुँआ क्या है, मेरी माँ कहाँ है, कहाँ गई...


कुछ दिन पहले कितना अच्छा माहौल था। कितने अच्छे से दोनों ने अपनी सातवीं एनिवर्सरी मनाई थी और घूमने जाने की भी तैयारी चल रही थी लेकिन सब धरा का धरा रह गया।


आयुषी के जाने के बाद परिवार जैसे परिवार ना रहा। परिवार की सारी खुशियां खत्म सी हो गई। सूरज और उसके बच्चे तीनों अकेले पड़ गये थे।


कुछ दिन बाद पुलिस ने उस आदमी को पकड़ लिया। ये वही आदमी था जो आयुषी से कौलेज के समय से प्यार करता था। पहली नजर में इसे आयुषी से प्यार हो गया था लेकिन आयुषी के बार बार मना करने पर वह यह सहन नहीं कर पा रहा था। वह अपने आप को बहुत छोटा महसूस कर रहा था।



पूरे 4 साल बाद उस लड़के ने आयुषी को देखा तो वह उसका ना कहना भुला नही पाया और जिसके कारण उसने ये कदम उठाया।


''एक औरत के चले जाने के बाद'' एक परिवार जैसे अधूरा सा रह जाता हैं। एक औरत परिवार की जान होती हैं। आयुषी के जाने के बाद उसके परिवार की जैसे जान ही चली गई थी।


न ही जीना अच्छा लग रहा था और ना ही मरना..
✍️ अनुभा पुरोहित चतुर्वेदी

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