पैग़ाम-ए-मोहब्बत
इश्क़ मैंने कर लिया उसकी रवायतें पूरी करूँ कैसे
हो गयी है उससे मोहब्बत, उसे ख़बर करूँ कैसे
पैग़ाम-ए-मोहब्बत उसके दिल तक पहुंचाऊँ कैसे
मुझे कोई राह दिखा मेरे ख़ुदा, इज़हार करूँ कैसे
मिलने की कोई सूरत हरगिज़ नज़र नहीं आती
रोज़ इसी राह से गुज़रती थी, मग़र अब नहीं आती
उसकी गली का पता मुझे मालूम नहीं, चल पड़ा हूँ
अब तो सहेली भी कोई,...
हो गयी है उससे मोहब्बत, उसे ख़बर करूँ कैसे
पैग़ाम-ए-मोहब्बत उसके दिल तक पहुंचाऊँ कैसे
मुझे कोई राह दिखा मेरे ख़ुदा, इज़हार करूँ कैसे
मिलने की कोई सूरत हरगिज़ नज़र नहीं आती
रोज़ इसी राह से गुज़रती थी, मग़र अब नहीं आती
उसकी गली का पता मुझे मालूम नहीं, चल पड़ा हूँ
अब तो सहेली भी कोई,...