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ठंडी के तूफान

बड़ी ज़ोर की बारिश हो रही थी। आसमान में बिजली कड़कड़ा रही थी पर घर पर बिजली गुल थी। तभी फोन की घंटी बजी और जीत ने रिसीवर उठा के कहा हैलो, कौन है? उधर से आवाज़ आई ओह, सॉरी, रॉन्ग नंबर, और फोन रख दिया गया। जीत को दो साल पहले की वो तूफानी रात याद आ गई। उस दिन भी तो... उसी तरह के रॉन्ग नंबर वाला कॉल आया था। बस फर्क इतना है कि उस दिन की बिजली थी। आज मौसम भी अपने अलग ही अंदाज में दिखाई दे रहा है। जीत इतना कहते हुए फोन रख देता है।आज एक तरफ घर में मां के अलावा और कोई भी नही था क्योंकि आज घर के लोग बुआ के लड़के की जन्मदिन पर गए थे। तूफान को आज ही आना था क्योंकि आज हम और मां दोनो अच्छे व्यंजन करने वाले थे व्यंजन तो तैयार हो गया है लेकिन बारिश और तूफान की वजह से हम अभी तक खा नही पाए हैं। मैं वहीं सोच रहा हूं कि हम दोनो को भी चले जाना चाहिए था आखिर क्यों ना सोचे चिंता जो सताए जा रही था ।पापा और भाई गए थे बुआ के यहां अब तो वे कल ही आयेंगे क्योंकि आज की तूफान आफत मचाई है पूरे शहर में ऊपर से ठंड का समय भी बहुत जोरो की पड़ रहा था ।गर्मी का समय होता तो तूफान के मौसम सुहाना हो जाता हल्की हल्की ठंड हवा चलने लगता तो शरीर को भी कुछ आराम मिल जाता रात में तूफान कुछ समय बाद रुक गया उसके बाद जीत मम्मी को खाना लाने के लिए बोलता हैं।खाना ठंडा हो गया था तो उसे गर्म करके लाती हूं मम्मी कहती है ।तो चैन की सांस लेते हुए बैठ जाता हैं तो उसका फोन बजने लगता है।वह देखता हैं की पापा का फोन आ रहा था वह फोन उठाया पापा बोले जीत वहां सब ठीक है ना जीत हां सब ठीक हैं आप सब का कार्यक्रम हो गया और खाना खा लिए की नही अभी हैं बेटा खा लिया हूं बस अभी खा कर उठा ही हूं तुम लोग हम लोग बस खाने जा रहे है ।ठीक रखता हूं खा लो खाना तुम लोग भी मम्मी खाना लेकर आती हैं। हम और मम्मी खाना खाते हैं फिर कुछ देर तक बाते होती है उसके बाद लगभग रात के 10 बज चुके थे ।और ठंड का समय जिसमे हम लोग तूफान की वजह काफी थक चुके थे । इसलिए हम सोने चले जाते हैं ।थकान की वजह से तुरंत नीद भी आ जाता है ।अब तो सुबह हो चुका था मम्मी उठाने आती हैं आज ऑफिस नही जाना है क्या जीत इतना ही कान में आवाज जाती है।और झट से बिस्तर से उठता है नित्य क्रिया करता हैं और नास्ते करने के बाद ऑफिस निकल जाता हैं ।कुछ देर बाद उसके पापा और उसका भाई घर आते है ।और फिर घर कल रात के जन्मदिन की बाते होने लगता जो खत्म ही नही होता समय का पता ही नही चलता कब 9 से 11 हो गया फिर पापा नहाने चले जाते है।उसके बाद उसकी मां खाना निकलती है दोनो खाना कहने के बाद कुछ समय विश्राम करने चले जाते हैं ।शाम को जीत भी घर वापस आता है तो पूछता कल बारे में उसका भाई उसको कह रहा था की बुआ आप को पूछ रही थी की जीत क्यों नही आया।
© genuinepankaj