ठंडी के तूफान
बड़ी ज़ोर की बारिश हो रही थी। आसमान में बिजली कड़कड़ा रही थी पर घर पर बिजली गुल थी। तभी फोन की घंटी बजी और जीत ने रिसीवर उठा के कहा हैलो, कौन है? उधर से आवाज़ आई ओह, सॉरी, रॉन्ग नंबर, और फोन रख दिया गया। जीत को दो साल पहले की वो तूफानी रात याद आ गई। उस दिन भी तो... उसी तरह के रॉन्ग नंबर वाला कॉल आया था। बस फर्क इतना है कि उस दिन की बिजली थी। आज मौसम भी अपने अलग ही अंदाज में दिखाई दे रहा है। जीत इतना कहते हुए फोन रख देता है।आज एक तरफ घर में मां के अलावा और कोई भी नही था क्योंकि आज घर के लोग बुआ के लड़के की जन्मदिन पर गए थे। तूफान को आज ही आना था क्योंकि आज हम और मां दोनो अच्छे...