...

9 views

Social Media वाला प्यार
कई की जोड़ी सफ़ल रहती है कई बिछड़ जाते
कई इजहार नहीं कर पाते
उसी पर आधारित कल्पना से ओतप्रोत कहानी


रेश्मा रोज ब्लॉग लिखती थी
सोचा यहां इतनी सफ़ल हूं तो सोशल मीडिया पर लिखना शुरू कर देती हूं

रेश्मा ने कई सोशल apps का सुना था play स्टोर पर लाइन लगी थी अलग अलग writing apps मिले
अब कौनसा app download करे समझ नहीं आ रहा था
तो वो प्रतिलिपि app चलाने लगी
वहां और भी कई लेखक लेखिकाएं थी
रेश्मा ने लिखना शुरू करा
शुरू शुरू मे ज्यादा कोई पोस्ट नहीं देखता था
पर रेश्मा ने हिम्मत नहीं हारी और लिखती ही रही

कुछ दिनों बाद रेश्मा की पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा पढ़ने लगे
रेश्मा ने सोचा मुझे एक ऐसा app की जरूरत है
जो जल्दी व्यू कर सकता हो क्योंकि रेश्मा का लिखा सभी पसंद करते थे

रेश्मा ने और ढूंढना शुरू करा play स्टोर पर
और Writco app मिला
पहले play स्टोर पर जाकर रिव्यू पढ़े postive थे
रेश्मा जल्दी ही Writco पर जॉइन हो गयी और लिखने लगी कभी बारिश की बूँदों की खुशी जब वो टकराती
कभी धूप और छाँव दोनों साथ साथ चलते
रेश्मा ये भी कलमबद्ध कर देती

बच्चे जब पहली बार स्कूल जाने की खुशी बताते वो भी लिखती
कभी कभी प्यार के बारे मे भी लिखती
जल्दी ही रेश्मा की पोस्ट को लोग पढ़ने लगे और पसंद करने लगे

रेश्मा ने एक दिन एक कमेन्ट पढ़ा तारीफ क्या करे उनकी जिनके आगे तारीफ़ भी फैल है लिखते रहिए ऐसे ही आपका लिखना कईयों की खुशी का है कारण


ये पढ़कर रेश्मा मुस्कुरा दी
दोनों की धीरे धीरे बातें होने लगी
बातें अब लगभग रोज होने लगी

कब उन्हें प्यार हो गया उन्हें एहसास नहीं था
दोनों एक दूसरे के सपनों मे खोए रहते

सब बहुत सही चल रहा था
एक दिन रेश्मा को किसी ने भड़काया करन तुम्हें प्यार नहीं कर रहा वो बस लिखने मे मदद कर रहा
रेश्मा ने कहा मुझे करन पर यकीन है

अगले कुछ दिन करन रेश्मा से बात नहीं कर सका क्योंकि उसकी खराब हो गयी उसके लिए ये स्थिति ऐसी थी चाहकर भी रेश्मा को मैसेज नहीं कर सकता था क्योंकि फोन उसके पास से ले लिया था घरवाले चाहते थे पहले करन सही हो जाए

करन कुछ दिन बाद सही हुआ
तब तक शायद उसके लिए कुछ नहीं शेष था
रेश्मा को ये लगने लगा जिसने उसे कहा करन उसे प्यार नहीं करता शायद सही है
क्योंकि इतने दिन से बात नहीं हुई
बिना बात को जाने करन से बात बंद कर दी

रेश्मा को आखिरकार पता पड़ गया
किसी ने दोनों के बीच गलतफहमी करी थी
रेश्मा ने करन से बात की
करन की तबियत रेश्मा से बात करते ही सही होने लगी
कुछ बॉन्डिंग ऐसी होती है उन्हें कुछ कहने की जरूरत नहीं वो बिन कहे भी एक दूसरे का ख्याल रखते


समाप्त
10/4/2024
1:26 प्रातः
© ©मैं और मेरे अहसास