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तेरी-मेरी यारियाँ ! ( भाग-9 )
गीतिका:- मुँह फुलाकर बोलती है,,,,, ठीक है हाथ मे जो है उसे खत्म करना है या उसे भी छोड़ना है ।

मानवी :- हँसते हुए,,,,,,, हाँ खा ले ड्रामे बाज ।

वही पार्थ भी नाश्ता कर के अपने स्कूल जाने के लिए तैयार हो चुका था । अब बस इंतजार था तो उसके बड़े भाई देवांश का।

देवांश जिसकी उम्र लगभग इक्कीस साल है । कहने को तो पार्थ और देवांश भाई है लेकिन अगर ये साथ मे बैठ जाए तो इनकी बाते कम और बहस ज्यादा होती है ।

पार्थ की स्कूल बस आज नही आई तो देवांश ही उसको अपनी गाड़ी से स्कूल छोड़ने वाला है । पार्थ देवांश को आवाज लगाते हुए बोलता है ।

पार्थ :- भईया जल्दी आओ ना मुझे स्कूल के लिए देर हो रही है

तभी देवांश अपने कमरे से सीढ़ियों की तरफ आते हुए एक हाथ मे गाड़ी...