वो दिन
आज भी मैं उस दिन के बारे में सोचतीं हूँ
तो कांप उठते हैं रोएं मेरे
हां बिल्कुल उसी तरह जैसे एक शेर को देखकर
एक मेमना कांप उठता है
और ये सोचने को मजबूर हो जाता है
आखिर क्यूँ??
और उसके मन में ये ख्याल आए बिना रह नहीं पाता
कि क्यूंँ ये दिन आया ही..
बिल्कुल ऐसे ही भयावह दिन का दस्तक
हमारे सोने की धरती हमारे भारत भूमि पर भी एक आतंकित करने वाले रूप में हुआ
जिसने ना सिर्फ हमारा चैन सुकून बल्कि हमारे अन्न तक को हमसे छीन लिया और बिल्कुल एक गुलाम जैसे
हमें हमारे इस सोने की धरती पर
सोने के...
तो कांप उठते हैं रोएं मेरे
हां बिल्कुल उसी तरह जैसे एक शेर को देखकर
एक मेमना कांप उठता है
और ये सोचने को मजबूर हो जाता है
आखिर क्यूँ??
और उसके मन में ये ख्याल आए बिना रह नहीं पाता
कि क्यूंँ ये दिन आया ही..
बिल्कुल ऐसे ही भयावह दिन का दस्तक
हमारे सोने की धरती हमारे भारत भूमि पर भी एक आतंकित करने वाले रूप में हुआ
जिसने ना सिर्फ हमारा चैन सुकून बल्कि हमारे अन्न तक को हमसे छीन लिया और बिल्कुल एक गुलाम जैसे
हमें हमारे इस सोने की धरती पर
सोने के...