...

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मजबूर part 4
आंखों में आंसू लिए गजरा अपना काम कर रही थी,
तभी काकी का बेटा रोहन आ गया,
रोहन बोला जा गजरा मेरे लिए चाय बनाकर ला,
थोड़ी देर बाद गजरा चाय बनाकर ले आई,
रोहन ने कहा तुझे तो सिर्फ चाय सही तरीके से बनाने आता है।
सुबह तू चावल जला दी थी,
तुझे कोई काम सही से करने आता ही नहीं है,
गजरा बोली धीरे-धीरे सीख जाऊंगी,
तभी काकी आ गयी और गजरा से बोली,
अब जाकर खाना बनाने की तैयारी कर,
शाम हो गया है कब बनाएगी रात का खाना,
गजरा वहां से रसोई घर में चली गयी,
रसोई घर में जाकर गजरा ख़ूब रोई,
रोने के बाद फिर खाना बनाना शुरू कर दी,
रात को सभी लोगों ने भोजन किया और भोजन करके सो गए,
लेकिन गजरा को नींद नहीं आ रही थी आज उसे उसकी मां बहुत याद आ रही थी,
गजरा सोचने लगी आज माॅं होती तो मैं कितने आराम से रहती,
मैं छोटे भाई को अपने साथ लेकर स्कूल जाती,
लेकिन सब कुछ उल्टा हो गया,
गजरा सोचने लगी फिर भी मेरे मन में इस बात को लेकर बहुत शांति है कि मेरा भाई पढ़ रहा है,
गजरा सोचने लगी मैं अपने भाई को जरूर पढ़ा लिखाकर एक बड़ा आदमी बनाऊंगी
गजरा मन ही मन सोच रही थी चाहे कुछ भी हो जाए मैं भाई को जरूर पढ़ाऊंगी,
गजरा को माॅं की पुरानी बातें याद आ गयी,
गजरा की मां हमेशा कहती थी मेरा बेटा पढ़ लिखकर एक दिन बड़ा आदमी बन जाएगा।