भीम आर्मी वालों जानते हो शोषण है क्या😀😀😀
चलो आज उस बिंदू पे लिखते हैं ,जिस पर एक संगठन रोज चिल्लाता रहता है ,और मेरे ही स्वजनों को भड़काता रहता है कि इस देश में तुम्हारा शोषण हुआ है🤔🤔🤔🤔
और वो हिंदू विरोधी टिप्पणी करते रहते हैं🤔🤔🤔
तो बताओ किसका शोषण नहीं हुआ है ,
1527 में जब बाबर भारत में आकर गाजी की उपाधि लेता है और काफिरों को मारने की बात करता है तो उसके लिए काफिर बस हिंदू थे 🙂🙂उसके दिमाग में ये वर्ण व्यवस्था नही थी
आततायी अलाउद्दीन खिलजी के समय जब हजारो राजपूत वीरांगनायें जौहर की आग में झुलसने को मजबूर हो गयी क्या वो शोषण नहीं था🤔🤔🤔
और ऐसा एक बार नहीं कई बार हुआ ,अकबर के समय भी हुआ,(1567)
औरंगजेब के समय जब इस्लामिक कट्टरता चरम पर थी ,और जब ब्राह्मणों के लिए तिलक लगा पाना भी संभव नहीं था,उनकी गर्दनें काट दी जाती थी ,
क्या वो शोषण नहीं था🤔🤔🤔
गुरु गोविंद सिंह के दोनों पुत्रो को दीवार में चुनवा दिया गया ,क्या वो शोषण नहीं था🤔🤔🤔
वो शक्श जिसे तुम सबसे पढ़ा लिखा मानते हो 😁😁और जिसके गुण गान करते हो ,
तो क्या उनने शचीन्द्र सान्याल का 'बंदी जीवन' पढ़ा था,🤔🤔🤔
नहीं पढ़ा अगर पढ़ा होता तो पता चलता शोषण क्या था,🤔🤔
अंडमान की छोटी सी जेल में जब सैकड़ो लोगो को बंद कर दिया जाता था ,तो ऑक्सीजन की कमी से उनकी जान चली जाती थी ,क्या वो शोषण नहीं था🤔🤔🤔
साइमन का विरोध करते हुए लालाजी को डंडे से पीट पीट कर मार डाला ,क्या वो शोषण नहीं था🤔🤔🤔
एक प्रश्न जो बार - बार गांधीजी पे उठाया जाता है कि वो गोलमेज सम्मेलन में इरविन से भगत सिंह,राजगुरु और सुखदेव की फांसी को माफ़ नही करा पाये,(हालांकि उन्होंने बात की थी)
तो मेरा प्रश्न ये है कि तीनों गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने वाले 'भीमराव अंबेडकर' ने फांसी टालने के लिए कोई प्रयास क्यों नहीं किया ,उन्होंने इस बारे में बात तक नहीं की,वो केवल पृथक निर्वाचन की मांग करते रहे(एक कोरे राजनीतिक व्यक्तित्व की तरह)
🤔🤔🤔🤔🤔
हजारो वर्षो तक माँ भारती की सभी संतानों ने शोषण झेला ,तो ये रोना धोना बंद करो कि हम हजारो वर्षो से शोषण झेल रहे हैं 🤔🤔🤔
इस्लामिक कट्टरता के समय में हर हिंदू ने शोषण झेला,
और ब्रिटिश काल में हर भारतीय (हिन्दू हो चाहे मुसलमान )सब ने शोषण झेला🤔🤔
रामप्रसाद बिसमिल के साथ अशफाक उल्ला खान ने भी फांसी का फंदा चूमा था ,तो क्या वो शोषण नहीं था🤔🤔🤔
जलियांवाला में हजारों लोग मारे गये ,कोई जाति - धर्म नहीं था ,जो गोली के निशाने पर आये सब मारे गये ,क्या वो शोषण नहीं था🤔🤔🤔
अब एक लास्ट पॉइंट देवदासी जिसके नाम पे बहुत रोना रोया जाता है🤔🤔
मेरा प्रश्न ये है कि यदि किसी वर्ग की कन्याओं को देवदासी बनाया जा रहा था ,उन्होंने उसे स्वीकार क्यों किया ,क्यों नहीं उन असामाजिक तत्वों के विरुद्ध शस्त्र उठाये गये🤔🤔🤔
और यदि शस्त्र उठाने में सक्षम नही थे,तो पलायन भी तो किया जा सकता था क्यों अपनी लड़कियों को इस प्रथा में धकेला🤔🤔🤔
तुम बोलोगे पलायन करते तो खाते- पीते क्या😐🤔🤔
पर स्त्री अस्मिता की रक्षा के लिए ऐसा हो चुका है,
जानते हो जैसलमेर के 84 गांव एक रात में खाली हो गए थे,(कुलधरा का नाम सुना है)
और जिनने खाली किये उनका वर्ग था 'पालीवाल ब्राह्मण' (🤔🤔🤔)
सामंत की नजर एक लड़की पर थी,वो उसे उठा के ले जाना चाहता था,ब्राह्मणों में शाशक से लड़ने की शक्ति नहीं थी ,तो रातो रात 84 गांव खाली हो गए
और तुम बोलते हो कि सिर्फ तुम्हारा शोषण हुआ है🤔🤔🤔
शोषण सबका हुआ है,तो क्यों तुम लोग इन भोले भाले लोगो को भड़काते रहते हो 🤔🤔🤔
अपने ही स्वजनों में कटुता का बीज रोपण करके माँ भारती का अनादर ना करें
(हिंदू कुश से हिन्द महासागर के क्षेत्र में रहने वाला हर सदस्य हिंदू है )
वंदे मातरम ।
जय माँ भारती।
🙂🙂🙂
© सौ₹भ mathu₹
और वो हिंदू विरोधी टिप्पणी करते रहते हैं🤔🤔🤔
तो बताओ किसका शोषण नहीं हुआ है ,
1527 में जब बाबर भारत में आकर गाजी की उपाधि लेता है और काफिरों को मारने की बात करता है तो उसके लिए काफिर बस हिंदू थे 🙂🙂उसके दिमाग में ये वर्ण व्यवस्था नही थी
आततायी अलाउद्दीन खिलजी के समय जब हजारो राजपूत वीरांगनायें जौहर की आग में झुलसने को मजबूर हो गयी क्या वो शोषण नहीं था🤔🤔🤔
और ऐसा एक बार नहीं कई बार हुआ ,अकबर के समय भी हुआ,(1567)
औरंगजेब के समय जब इस्लामिक कट्टरता चरम पर थी ,और जब ब्राह्मणों के लिए तिलक लगा पाना भी संभव नहीं था,उनकी गर्दनें काट दी जाती थी ,
क्या वो शोषण नहीं था🤔🤔🤔
गुरु गोविंद सिंह के दोनों पुत्रो को दीवार में चुनवा दिया गया ,क्या वो शोषण नहीं था🤔🤔🤔
वो शक्श जिसे तुम सबसे पढ़ा लिखा मानते हो 😁😁और जिसके गुण गान करते हो ,
तो क्या उनने शचीन्द्र सान्याल का 'बंदी जीवन' पढ़ा था,🤔🤔🤔
नहीं पढ़ा अगर पढ़ा होता तो पता चलता शोषण क्या था,🤔🤔
अंडमान की छोटी सी जेल में जब सैकड़ो लोगो को बंद कर दिया जाता था ,तो ऑक्सीजन की कमी से उनकी जान चली जाती थी ,क्या वो शोषण नहीं था🤔🤔🤔
साइमन का विरोध करते हुए लालाजी को डंडे से पीट पीट कर मार डाला ,क्या वो शोषण नहीं था🤔🤔🤔
एक प्रश्न जो बार - बार गांधीजी पे उठाया जाता है कि वो गोलमेज सम्मेलन में इरविन से भगत सिंह,राजगुरु और सुखदेव की फांसी को माफ़ नही करा पाये,(हालांकि उन्होंने बात की थी)
तो मेरा प्रश्न ये है कि तीनों गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने वाले 'भीमराव अंबेडकर' ने फांसी टालने के लिए कोई प्रयास क्यों नहीं किया ,उन्होंने इस बारे में बात तक नहीं की,वो केवल पृथक निर्वाचन की मांग करते रहे(एक कोरे राजनीतिक व्यक्तित्व की तरह)
🤔🤔🤔🤔🤔
हजारो वर्षो तक माँ भारती की सभी संतानों ने शोषण झेला ,तो ये रोना धोना बंद करो कि हम हजारो वर्षो से शोषण झेल रहे हैं 🤔🤔🤔
इस्लामिक कट्टरता के समय में हर हिंदू ने शोषण झेला,
और ब्रिटिश काल में हर भारतीय (हिन्दू हो चाहे मुसलमान )सब ने शोषण झेला🤔🤔
रामप्रसाद बिसमिल के साथ अशफाक उल्ला खान ने भी फांसी का फंदा चूमा था ,तो क्या वो शोषण नहीं था🤔🤔🤔
जलियांवाला में हजारों लोग मारे गये ,कोई जाति - धर्म नहीं था ,जो गोली के निशाने पर आये सब मारे गये ,क्या वो शोषण नहीं था🤔🤔🤔
अब एक लास्ट पॉइंट देवदासी जिसके नाम पे बहुत रोना रोया जाता है🤔🤔
मेरा प्रश्न ये है कि यदि किसी वर्ग की कन्याओं को देवदासी बनाया जा रहा था ,उन्होंने उसे स्वीकार क्यों किया ,क्यों नहीं उन असामाजिक तत्वों के विरुद्ध शस्त्र उठाये गये🤔🤔🤔
और यदि शस्त्र उठाने में सक्षम नही थे,तो पलायन भी तो किया जा सकता था क्यों अपनी लड़कियों को इस प्रथा में धकेला🤔🤔🤔
तुम बोलोगे पलायन करते तो खाते- पीते क्या😐🤔🤔
पर स्त्री अस्मिता की रक्षा के लिए ऐसा हो चुका है,
जानते हो जैसलमेर के 84 गांव एक रात में खाली हो गए थे,(कुलधरा का नाम सुना है)
और जिनने खाली किये उनका वर्ग था 'पालीवाल ब्राह्मण' (🤔🤔🤔)
सामंत की नजर एक लड़की पर थी,वो उसे उठा के ले जाना चाहता था,ब्राह्मणों में शाशक से लड़ने की शक्ति नहीं थी ,तो रातो रात 84 गांव खाली हो गए
और तुम बोलते हो कि सिर्फ तुम्हारा शोषण हुआ है🤔🤔🤔
शोषण सबका हुआ है,तो क्यों तुम लोग इन भोले भाले लोगो को भड़काते रहते हो 🤔🤔🤔
अपने ही स्वजनों में कटुता का बीज रोपण करके माँ भारती का अनादर ना करें
(हिंदू कुश से हिन्द महासागर के क्षेत्र में रहने वाला हर सदस्य हिंदू है )
वंदे मातरम ।
जय माँ भारती।
🙂🙂🙂
© सौ₹भ mathu₹
Related Stories