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आदर्श विद्यार्थी
#education

काक चेष्ठा वको ध्यानम स्व निंद्रा तत्थवये च।

अल्पाहारी गृहत्यागी विद्यार्थियम पंच लक्षणा। ।

अर्थात

कौए जैसी चतुराई, बगुले जैसा ध्यान, कुत्ते जैसी नींद, कम तथा आवश्यक भोजन करना, सांसारिक माया से मुक्त ( शांत वातावरण ) या घर त्यागने वाला, ये पाँच लक्षण होना एक विद्यार्थी के लिए बताएं गये हैं।

उपयुक्त श्लोक में एक शब्द है गृहत्यागी जिसका शाब्दिक अर्थ है घर को छोड़कर किसी अन्य स्थान पर जाकर शिक्षा का अध्यन करना। ये उन विद्यार्थियों के लिए है जिनके निवास क्षेत्र में उचित शिक्षा का साधन नहीं होता। इसका दूसरा अर्थ ये भी है कि घर की भौतिक वस्तुओं के प्रति लालसा का अध्यनकाल के दौरान शिक्षा के लिए त्याग।

एक आदर्श विद्यार्थी के ये पाँच गुण हैं जो श्लोक में बताए गए है।


अन्य-

नैतिक शिक्षा से युक्त होना तथा सामाजिक वा पारिवारिक स्तर पर सभ्यतापूर्ण आचरण को बनाये रखना

अच्छी संगति के साथ रहते हुए सकारत्मक परिवेश का सृजन करना।

अपने विषय के प्रति पूर्ण समर्पित भाव से तथा पूर्ण ईमानदारी के साथ अध्धयन करना।

माता-पिता या अभिवावक का प्रतिदिन अभिवादन करना तथा उन्हें प्रतिउत्तर न देना।

अध्यापक के समक्ष उनका आदर और सम्मान करते हुए अपने आप को शालीनता तथा सहजता से प्रस्तुत करना।

प्राप्त की जा रही शिक्षा को सर्वप्रथम अपने लिए उच्च उपयोगिता के द्रष्टिकोण से देखना। ततपश्चात अपने जीवन के लिए उपयोगी बनाना।

और सबसे उत्तम है समय का पूर्णरूप से सदुपयोग करना। प्रत्येक कार्य समय पर।

जो सहज हो सरल हो

On time Uptodate.Always ready never be late.

बाकी एक विद्यार्थी स्वयं में अपने बनाये सिद्धांतों का पालन करते हुए भी आदर्श बन सकता है। जो अध्धयन काल मे परिस्थितियों के अनुकूल हों।


© ALOK Sharma...✍️