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कुछ नहीं है प्यार।(In Hindi and Hinglish)
आजकल हर युवा ही प्यार करने को तत्पर है , fasion जो बन गया है प्यार, 14-15 साल के आशिक घूम रहे है देश में देह में।
भाई साब 18 की उमर तो सरकारी उमर है , मानसिकता तो यही रहती होगी की 18 से पहले जो भी करो छिप कर करो फिर किसिका बाप भी नहीं रोक सकता। बाजार में ग्राहक और व्यापारी दोनों ही पक्षों के लोग घूम रहे है।लड़के देख रहे है लडकी , किसी लड़की की देह अच्छी लगी तो प्यार हो गया पागल को, तारे तोड़ के लाने को तैयार है भोला, लड़किया देख रही है लड़का कैसा दिख रहा है , कितना लंबा है, बलशाली है ,हो गई आशिकी।
जो तुम्हारा शरीर देख कर तुम्हे प्यार करने लग जाए, तो क्या वो देह के ग्राहक और व्यापारी तुम्हारे अपंग होने पर तुम्हें प्यार करेगा? तुम खुद सोचो।
अरे और सोचने की क्या बात है इसमें , जिस आशिकी के ताज महल की नीव ही देह है, उस की नीव ही नष्ट हो गई है तो इमारत भी नष्ट हो गई है।
अरे जो हम करते है वो तो कुत्ते भी कर लेते है, तो बस यहीं रह गया तुम्हारे जीवन का लक्ष्य?
अब लोग किसी मशहूर प्रेम कहानी की बात करके कुतर्क दे सकते है , लेकिन क्या कोई प्यार देह नष्ट होने के बाद रहा है ,कोई याद आए तो उससे मिलने वाली वस्तु के आभाव में ही आती है , वरना इसको क्या पड़ी है।
हम कह सकते है की यू तो सब कुछ नष्ट ही होना है। तो हां भाई/बहन नष्ट ही होना है , लेकिन उससे पहले बरबादी क्यों ले रहे हो?
जीवन में कुछ करो, ये मत सोचो की आज तक कुछ नहीं किया अब क्या करे ,लोग तो बहुत आगे जा चुके है, तो ऐसा कुछ नही है , और तुम्हे इस पर विश्वास नहीं हो रहा तोअब जीवन जितना सुधार सकते हो उतना सुधारो या जीवन जितना बचा सकते हो उतना बचाओ।
© Kuldeep_Saharan