नशे की रात ढल गयी-14
नशे की रात ढल गयी .. (14) अगर सीधे-सीधे कहूँ तो मैं तीन बहनों के बीच सबसे छोटा इकलौता भाई था । मजे की बात ये है कि इसे थोड़ा हल्के घुमाकर कुछ और तरह से भी कह सकता हूँ ..जी,हाँ! मैं तीन बहनोइयों के बीच एक अकेला साला था ।हालाँकि तीनों बहनोई साहब मुझसे उम्र मैं इतने बड़े थे कि उनके साथ उम्र-भर लिहाज का ही रिश्ता रहा ।मुझे याद नहीं कि कभी गलती से भी उन्होंने मेरे साथ हल्का-फुल्का सा भी कोई मजाक-वजाक किया हो । कभी कोशिश भी की तो दीदी अक्सर ढाल बनकर मेरे बचाव में आकर खड़ी हो जातीं मानों मेरे साथ कोई गैरकानूनी हरकत हो रही हो, या फिर नहीं तो, बाल-शोषण या अत्याचार जैसा कुछ किया जा रहा हो ।हमारे परिवार में बहनोई को भाई साहब कहने का रिवाज क्यों रहा है -यह...