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मदिरा पान - एक व्यंग्य ✍🏻✍🏻✍🏻
एक व्यंग्य 🥃🥃🥃🥃

मदिरापान और सभ्यता का दिखावा

वर्त्तमान समय में एक चलन बहुत चला है, घर में कोई भी शुभ काम हो तो चलो दारु पीते हैं ! कोई पार्टी है तो दारु पीते हैं, कोई गम है तो दारू पीते हैं, और हाँ इस बेहूदगी को बेहूदगी मत कहना अन्यथा सभ्यता को बुरा लग जाएगा!

हम खुद मदिरा पीकर सबको गरियाते फिरें लेकिन अपने बच्चो को इसके अवगुण गिनाते थकते नहीं हैं, हाँ जब वही छोटा बच्चा सवाल करे की पापा आप क्यों पीते हो तो बड़ी बेशर्मी से...