...

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आकर्षण
भाग 1

उम्र के ऐसे पड़ाव मे कदम
जहा फिसलने का ज़ियादा डर...

नयी नयी जवानी...
उमंगे नयी, ख्वाब नये
विपरीत लिंग की ओर आकर्षण..

करीना कपूर का फ़िल्मों मे पहला कदम
"रिफ्यूजी "
फ़िल्म की जस्ट रिलेसिंग....

करीना कपूर की मासूमियत दिल को भा जाने वाली
खूबसूरती के तो क्या कहने...

खुद की कल्पना मे करीना कपूर,
जैसी प्रेमिका की चाहत लिए ❤️
नामी परिवार का ये "लड़का"

जो अपनी इस कहानी का
" नायक " है
ज़ी हुजूरी जिसकी आदत मे शुमार नहीं....

संयुक्त परिवार का सबसे बड़ा बेटा
जिद्दी, घमंडी !
पैरो की नोक पर दुनिया रखने वाला...
स्मार्ट, हैंडसम!
किसी को भी आकर्षित कर ले
ऐसा व्यक्तित्व लिए...

अपनी उम्र के 18 वे साल मे कदम रखते हुए
अपने जीवन की ओर बढ़ता चला जा रहा था...

उनके परिवार का स्थापित बिज़नेस था
लड़का बिगड़ जायेगा...
सोच के...
पिता ने घर के बिजनेस मे उसे भी साथ ले जाना सुरु किया...

लड़के का मन तो कई उमंगे लिए था...
उसे तो बाहर, घूमना, दोस्तों के साथ टाइमपास करना अच्छा लगता था...

जबरदस्ती उसे बिज़नेस मे घसीटा जा रहा
इस बात से वो हमेशा नाराज़ रहता था

गवर्नमेंट के बड़े बड़े टेंडर भरते थे ये लोग, सप्लाई का...
एक दिन किसी काम से एक गवर्नमेंट अफसर के घर जाना हुआ... अकेले

घर मे कोई नहीं था...
बाहर दरवाज़े पर नॉक करते ही ये लड़का
बाहर ही खड़ा किसी के आने का इंतजार करता रहा....
दरवाज़ा, एक सुन्दर,सज़िली, मनभावन लड़की ने खोला..

इस कहानी की " नायिका "

अब अपने ही किसी काम मे व्यस्त थी
शायद, जल्दी मे..
इस लड़के ने घर मे साहब होने का पता किया...
तो लड़की ने... ऊपर की ओर इशारा किया !
लड़का,
चुपचाप सीढ़ियों से होता हुआ... ऊपर चला गया
लौटते हुए...
उस लड़के की नज़र बरबस ही उस
लड़की को ढूंढने लगी !

पर वो वहां कही नहीं थी...

कुछ दिन बाद...
उस लड़के ने टेंडर की तारीख पूछने के लिए उनके घर फ़ोन किया...

सामने से मधुर आवाज़ आई...
लड़के के मन ने उससे कहा
ये वो ही है...

दरअसल, वो उस लड़की को उस अफसर की बहन समझ रहा था....
थोड़ी सी बातचित मे ही वो लड़का खुश हो गया...
कि, फ़ोन उस लड़की ने उठाया था !
उन दिनों...
ट्रू कॉलर नहीं हुआ करता था

अब तो ब्लेंक कॉल आने का सिलसिला चल निकला...
ये लड़का उस अफसर के घर जाने का बहाना ढूंढ़ने लगा....
ऐसे ही एक दिन फिर उस अफसर के घर जाने का मौका मिला.
वो जैसे ही....
उनके मोह्हले मे इंटर हुआ....

लड़की उन्हें बाहर सब्जी वाले संग भिड़ती मिली..
वो लड़ रही थी कि
सब्जी वाला,
सब्जी के ज़ियादा पैसे लगा रहा...

वो चेहरे पे एक मुस्कान लिए....
उस लड़की को निहार रहा था....
उसने उसकी टू व्हीलर को स्टैंड पर लगाया..
और उस अफसर के घर की
ओर बढ़ चला....
उसकी नज़रे उस लड़की पर से हट नहीं रही थी...
शायद, उसे पहली नज़र मे ही उस लड़की से प्यार हो गया था...
और, वो लड़की अपने ही धुन मे
खुद को उलझाए,
उसके घर की ओर बढ़ चली थी...

मोहब्बत होती ही ऐसी...
मेहबूबा से सुन्दर और कुछ भी नहीं लगता
इंसान, मोहब्बत मे कई ख्वाब बुनने
लगता है...

ये लड़का, हर दिन, हर समय...
उस लड़की के बारे मे सोच रहा था..
और सपने देख रहा था...

इसी बीच...
उनके यहाँ शादी आई....
उसके चाचा के लड़की की
न्योता उस अफसर के घर भी गया....

शादी की रात बड़ी चहल पहल...
लगी हुई थी...
सारे मेहमान आ रहे थे
ये लड़का शादी के कामों मे बेहद उलझा हुआ था
फिर भी उस लड़के ने
उस अफसर के घर ब्लेंक कॉल देना छोड़ा नहीं था...

शादी की रात
लड़का सकते मे रह गया....
जब उस अफसर ने... उस लड़की को अपनी "वाईफ" कहकर सबसे मिलाया..

लड़के को काटो तो खून नहीं
वो, वहां से तुरंत बाहर... निकल गया...
उसे इस बात पे यकीन ही नहीं आ रहा
था, जो कुछ देर पहले...
उसकी कानो ने सुना था...
वो खुद को कोस रहा था कि...
उसकी आँखों ने कैसे धोखा खा लिया
वो कितना बड़ा मुर्ख था... इतना भी
ना जान सका...
उसका दिल बहुत जोर जोर से धड़क रहा था
उसका दिल टूट चूका था...



स्मृति.