काश आज माँ जिन्दा होती,,,,
RAAJ PREEET
#PREEET
क्या फिर से लौट आयोगी माँ उस जहां से इस जहां मे
क्या फिर से उजाला हो जायेगा माँ हमारे इस अन्धेरे मकां मे
क्या फिर से PREEET को सुलायोगी अपने आँचल की छाँव मे
क्या फिर से PREEET की माँ बन जायोगी इसी मिट्टी इसी गांव मे ,
हमे तुमसे से बहुत गिला माँ बिछड़कर PREEET से क्या मिला माँ
आँगन सुने घर है खाली करेगा कोन अब इस रखवाली
कहानी वो राजायों की अब मुझे सुनायेगा कोन
मार पिट कर बोलो माँ अब खाना मुझे खिलायेगा कोन
गलती होने पर PREEET माँ तेरे बाद समझायेगा कोन
लगी धुप सर्द हवायें जब आँचल मे मुझे छुपायेगा कोन
किसके चरण छू कर अब मै घर से बाहर जाऊंगा
माँ तेरे प्यार के मौती मै हर दिल अब बिखराऊंगा
माँ पाई पाई जोड़ कर फिर अपना घर बनाया तुमने
अपने तन के सुन्दर पेड पर हम को फुल सा सजाया तुमने
माँ हमारे सब दुख को उठाकर खुशियाँ हममें तलाश की माँ
हमको सुनाकर लोरियां बचपन मे था सुलाया तुमने
PREEET को सिखाकर प्रेम के गीत हुनर यह सिखाया तुमने
अपनी...
#PREEET
क्या फिर से लौट आयोगी माँ उस जहां से इस जहां मे
क्या फिर से उजाला हो जायेगा माँ हमारे इस अन्धेरे मकां मे
क्या फिर से PREEET को सुलायोगी अपने आँचल की छाँव मे
क्या फिर से PREEET की माँ बन जायोगी इसी मिट्टी इसी गांव मे ,
हमे तुमसे से बहुत गिला माँ बिछड़कर PREEET से क्या मिला माँ
आँगन सुने घर है खाली करेगा कोन अब इस रखवाली
कहानी वो राजायों की अब मुझे सुनायेगा कोन
मार पिट कर बोलो माँ अब खाना मुझे खिलायेगा कोन
गलती होने पर PREEET माँ तेरे बाद समझायेगा कोन
लगी धुप सर्द हवायें जब आँचल मे मुझे छुपायेगा कोन
किसके चरण छू कर अब मै घर से बाहर जाऊंगा
माँ तेरे प्यार के मौती मै हर दिल अब बिखराऊंगा
माँ पाई पाई जोड़ कर फिर अपना घर बनाया तुमने
अपने तन के सुन्दर पेड पर हम को फुल सा सजाया तुमने
माँ हमारे सब दुख को उठाकर खुशियाँ हममें तलाश की माँ
हमको सुनाकर लोरियां बचपन मे था सुलाया तुमने
PREEET को सिखाकर प्रेम के गीत हुनर यह सिखाया तुमने
अपनी...