जन्मदिन का लिफाफा
आज 18नवंबर था।आज आकाश का जन्म दिन ।आकाश आज 18 वर्ष पूरे करने जा रहा था। परिवार में जन्मदिन की तैयारियां चल रही थीं।पिता देवीदयाल शर्मा शाम को सात बजे घर पहुंचे।
वे मार्केट से बर्थडे केक और जन्मदिन का तोहफ़ा अपने साथ लेते आये थे।आठ बजे जन्मदिन की कार्यवाही शुरू हुई। आकाश की बहनों ने डी जे पर गाना लगा दिया,हैप्पी बर्थडे टू आकाश.......
आकाश के पिता ने बहुत ही बढ़िया गर्म सूट का कपड़ा उपहार के रूप में आकाश को दिया। आकाश ने एक बंद लिफाफा जिस पर my wish लिखा था वह अपने पिता को दे दिया।पापा इस लिफाफे में मेरी विश है।
आज मेरा बर्थडे है।आशा है आप पूरा जरूर करेंगे।
आकाश के पिता ने लिफाफा ले लिया और खोल कर अंदर से वह कागज़ पढ़ा। पढकर
चेहरे पर खिली सारी खुशियां गायब हो गईं।
वे कुछ न बोले और उस विश को लिफाफे में रखकर जेब में रख दिया।उनके दिल में भारी
दर्द होने लगा। पर बेटे की खुशियों की खातिर वे कुछ न बोले।
आकाश अपने पिता का इकलौता बेटा...
वे मार्केट से बर्थडे केक और जन्मदिन का तोहफ़ा अपने साथ लेते आये थे।आठ बजे जन्मदिन की कार्यवाही शुरू हुई। आकाश की बहनों ने डी जे पर गाना लगा दिया,हैप्पी बर्थडे टू आकाश.......
आकाश के पिता ने बहुत ही बढ़िया गर्म सूट का कपड़ा उपहार के रूप में आकाश को दिया। आकाश ने एक बंद लिफाफा जिस पर my wish लिखा था वह अपने पिता को दे दिया।पापा इस लिफाफे में मेरी विश है।
आज मेरा बर्थडे है।आशा है आप पूरा जरूर करेंगे।
आकाश के पिता ने लिफाफा ले लिया और खोल कर अंदर से वह कागज़ पढ़ा। पढकर
चेहरे पर खिली सारी खुशियां गायब हो गईं।
वे कुछ न बोले और उस विश को लिफाफे में रखकर जेब में रख दिया।उनके दिल में भारी
दर्द होने लगा। पर बेटे की खुशियों की खातिर वे कुछ न बोले।
आकाश अपने पिता का इकलौता बेटा...