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अदृश्य ( पार्ट -3)

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तो अब तक आपने जाना की मुझे अदृश्य के बारे में पता चल चुका था की वो कोई इंसान नही है। ओर ये बात मैंने दृष्टि और उसके घरवालों को बताई।
अब आगे....✍️

जब मैं दृष्टि को ये सब बता रही थी ।तो उसके घरवाले उसके भाई को याद करके काफी इमोशनल हो रहे थे। ओर ये सब देखकर तान्या मुझे उसके घर से बाहर से लाई ! उसने मुुझसे पूछा " अब तू क्या करेगी ?
मैंने बोला " यार कुछ समझ नहीं आ रहा ये सब क्या हो रहा है।अभी तक तो मैने ऐसा सिर्फ मूवीज में देखा है और अब ऐसा कुछ सच में हो रहा है मुझे तो यकीन ही नहीं होता "
बस तू मेरे घर पर कुछ मत बताना। नही तो खामखां सबको टेंशन हो जायेगी।
तान्या बोली ठीक है यार मैं किसी से कुछ नही बोलूंगी बस तू अपना ख्याल रखना और अब से बालकनी में मत जाना ओके "
सुना है न भूत कुछ भी कर सकते है ! तेरी जान को भी खतरा है !
मैंने बोला हां ओके यार
पर तान्या का यू अदृश्य को एक भूत बोलना मुझे अच्छा नहीं लगा ! हालांकि मुझे अदृश्य से अब डरना चाहिए था पर क्योंकि जैसा की मैने भूतों के बारे में सुन रखा था अदृश्य वैसा बिल्कुल भी नही था ! न तो उसने मुझे न सोसायटी में और न ही दृष्टि के फैमिली को अभी तक कोई नुकसान पहुंचाया था ! ओर वो डरावना भी नही दिखता ।
खैर जो भी हो मुझे सावधानी तो रखनी होगी। afterall he is not human being!
ये सब सोचकर मैं घर गई और मैं ने अब से शाम को बालकनी में जाना बंद कर दिया ! क्युकी ये अदृश्य के आने का टाइम होता था !
लेकिन एक दिन अचानक मेरी नींद खुली। ओर मैं...