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कुछ इस तरह यूं ही बस ख्याल आया
हमारी पौती का पहला जन्मदिन
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हमारे परिवार ने हमारी पोती आर्वी प्रथम का जन्मदिन आज थोड़ा डिफरेंट तरीके से मनाने का निर्णय लिया। प्रातः हम चंद्र नगर गाजियाबाद स्थित एक वृद्ध आश्रम में गए। जहां वरिष्ठजनो के साथ केक काटकर उनके लिए कुछ फल एवं पौष्टिक नाश्ते के बाद स्वादिष्ट लंच की व्यवस्था की। गर्मी के मौसम में एक डेजर्ट कूलर भेंट किया। इसके बाद रोड साइड पर कुछ बच्चों को पैकेट बांटने के बाद सांयकाल गोविंदपुरम गाजियाबाद में एक बालआश्रम में उसका जन्मदिन मनाया। जहां केक काटकर फल एवं नाश्ते की व्यवस्था की।रात को बच्चों के लिए स्वादिष्ट डिनर की व्यवस्था करने से मन प्रसन्न हुआ।हमारे परिवार के लिए यह एक बहुत ही खुशी का महत्वपूर्ण दिन था।


दुनिया में कितना ग़म है मेरा ग़म कितना कम है औरों का ग़म देखा तो मैं अपना ग़म भूल गई

जिंदगी की यही सच्चाई है वक्त को बदलते देर नहीं लगती यह बच्चे भी किसी के बच्चे होंगे जिन्होंने इस तरह इनका अपनी जिंदगी से निकाल दिया

इसी तरह यह मां-बाप भी किसी बच्चों के माता-पिता होंगे जिन्होंने इन्हें घर से निकाल दिया हमें यह सीखना होगा हर परिस्थिति में अपने आप को संभालना है ।