स्कूल:दूसरा घर
हमारा पहला घर तो हमे पता होता है, जहां हम अपने माता पिता के साथ रहते है। परन्तु हमे पता ही नहीं चलता कि स्कूल हमारा दूसरा घर कब बन जाता है।जाने अंजाने में हम अपना एक दूसरा प्यारा सा परिवार बना लेते है जिसमें हमारे सच्चे दोस्त होते है।हम जो दिल ही बातें घर में नहीं बता...