समय कितना अजीब होता है 😔
समय कितना अजीब होता है
वो कभी तो बहुत कुछ देता है 😊
और कभी एक दम से ले भी लेता है 🥺
एक समय था जब कोई भी त्यौहार आता
उससे पहले कितनी खुशीयां मनाई जाती 😊😔🥺
जब में छोटी थी कोई भी त्यौहार आता
में तो बहुत खुश होती थी 😔😊
फिर करवा चौथ व्रत आता मम्मी को
देखती त्यारि करते हुए और उनको
त्यार भी करती जरूरत की सभी
चीजें में लाकर देती उनकी साड़ी
सजाती और जब मम्मी बाहर आती लोग
देखते रह जाते 😀😀😀😀😀😀
फिर धीरे धीरे वक्त बदला और सब बदल गया
में जॉब करने लगी और मम्मी की जरूरत की सभी
सीजे लाकर देती अगर वो गांवों में होती तो
उनके आने से पहले सब कुछ लाकर रख दिया करती
ऐसे ही दिन निकले 😊😊😊😊😊😊😊
मेरी शादी के बाद पहला करवा चौथ व्रत था
हम दोनो त्यार हुए लोग देखते रह गए
फिर दूसरे फास्ट में पापा नही रहे 🥺🥺🥺
सुना सा पढ़ गया त्यौहार 🥺🥺🥺🥺
और अब मम्मी नही है 🥺🥺🥺🥺
ससुराल में भी कोई नही है की मेरा साथ दे
बस अकेले रहते रहो 😔😔😔😔😔
फैमिली से बड़ा कोई नहीं होता उनका साथ
होना सारी दौलत भी ठुकरा दी जाए कम है
में तो थी सोचती हूं कोई अपना हमारा भी हो जिसे
हम अपना कहे हम तो अपना मान कर चलते है
लेकिन अगला अपना नहीं मानता तो कोई क्या कर सकते है 🥺🥺🥺🥺
अकेले रहने का दर्द वही समझ सकता है जिसने
अनाथों की तरह जिंदगी बिताई हो
कोई क्या जाने किसी की प्रेषाणी को
लोगो को झूठी खुशी ही सच्ची लगती है
वो खुसी के पीछे की वजह नहीं जानना चाहते
उनको तो अपनी जिंदगी से मतलब है
कितने त्यौहार आकर चले जाते हैं
लेकिन खुशी कहां है पता नही 🥺
जबरदस्ती की खुशी है बच्चे को दुख न ही
वो खुश रहे अपनी खुशी किसमे है ये
किसी को नही पड़ी 🥺🥺🥺🥺🥺
© Teri Meri baten
वो कभी तो बहुत कुछ देता है 😊
और कभी एक दम से ले भी लेता है 🥺
एक समय था जब कोई भी त्यौहार आता
उससे पहले कितनी खुशीयां मनाई जाती 😊😔🥺
जब में छोटी थी कोई भी त्यौहार आता
में तो बहुत खुश होती थी 😔😊
फिर करवा चौथ व्रत आता मम्मी को
देखती त्यारि करते हुए और उनको
त्यार भी करती जरूरत की सभी
चीजें में लाकर देती उनकी साड़ी
सजाती और जब मम्मी बाहर आती लोग
देखते रह जाते 😀😀😀😀😀😀
फिर धीरे धीरे वक्त बदला और सब बदल गया
में जॉब करने लगी और मम्मी की जरूरत की सभी
सीजे लाकर देती अगर वो गांवों में होती तो
उनके आने से पहले सब कुछ लाकर रख दिया करती
ऐसे ही दिन निकले 😊😊😊😊😊😊😊
मेरी शादी के बाद पहला करवा चौथ व्रत था
हम दोनो त्यार हुए लोग देखते रह गए
फिर दूसरे फास्ट में पापा नही रहे 🥺🥺🥺
सुना सा पढ़ गया त्यौहार 🥺🥺🥺🥺
और अब मम्मी नही है 🥺🥺🥺🥺
ससुराल में भी कोई नही है की मेरा साथ दे
बस अकेले रहते रहो 😔😔😔😔😔
फैमिली से बड़ा कोई नहीं होता उनका साथ
होना सारी दौलत भी ठुकरा दी जाए कम है
में तो थी सोचती हूं कोई अपना हमारा भी हो जिसे
हम अपना कहे हम तो अपना मान कर चलते है
लेकिन अगला अपना नहीं मानता तो कोई क्या कर सकते है 🥺🥺🥺🥺
अकेले रहने का दर्द वही समझ सकता है जिसने
अनाथों की तरह जिंदगी बिताई हो
कोई क्या जाने किसी की प्रेषाणी को
लोगो को झूठी खुशी ही सच्ची लगती है
वो खुसी के पीछे की वजह नहीं जानना चाहते
उनको तो अपनी जिंदगी से मतलब है
कितने त्यौहार आकर चले जाते हैं
लेकिन खुशी कहां है पता नही 🥺
जबरदस्ती की खुशी है बच्चे को दुख न ही
वो खुश रहे अपनी खुशी किसमे है ये
किसी को नही पड़ी 🥺🥺🥺🥺🥺
© Teri Meri baten