सब गैर हो चुके है क्या?
समझ नहीं आता किसके कंधे पर सिर रखकर अपने दुखों को बताया जाए
बाहर वालों से कैसा शिकवा जब घर के लोग पराया कर दिए जाए
और ना जाने क्या क्या देखना बाकी है, उसूलों के चलते हर किसी का मोहताज बनना बाकी है....
हमे हमारे हाल पर छोड़ दो यारा
बताकर पर भी क्या फायदा ,...
बाहर वालों से कैसा शिकवा जब घर के लोग पराया कर दिए जाए
और ना जाने क्या क्या देखना बाकी है, उसूलों के चलते हर किसी का मोहताज बनना बाकी है....
हमे हमारे हाल पर छोड़ दो यारा
बताकर पर भी क्या फायदा ,...