...

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टेडडीबियर
छोटे छोटे दो चुन्नू मुन्नू घर पे आए हुए थे
हमने सोचा क्यों न उन्हें घुमाने ले जाया जाए
सो चल दिये वेगास मॉल में
वहाँ सोचने लगे ये बच्चे तो झूला झूल के ही खुश होंगे
झूले झूलने के लिए टिकट ले लिए
सभी कोई न कोई झूला झूल या कोई गेम खेल रहे थे।हमारी नज़र टेडडीबियर के गेम पे टिकी थी।
मन ही मन सोच रहे थे कितने सुन्दर सुन्दर
टेडडीबियर हैं।
देखा हमने वहां एक नवदम्पति इस गेम को खेल रहे थे।एक नहीं तीन टेडडीबियर हाथ में पकड़े खड़ी थी। हमसे भी रहा न गया।पास उस महिला के
जा पूछ लिया खरीदे हैं क्या आपने कहने लगी नहीं
इन्होंने जीते हैं।इतना सुन हमने भी टेडडीबियर के गेम को खेलना चाहा पर।पर एक भी टेडडीबियर
हाथ न आया।पैसे खामख्वाह बर्बाद हुए।
पता नही ये टेडडीबियर इतने निष्ठुर क्यों होते हैं।
दिखने में मासूम दिखते हैं पास जाओ तो
अँगूठा दिखा देते हैं।फिर भी हम बुरा नहीं मानते हैं।
चलो आज इस टेडडीबियर के शुभ दिन पर हम इन्हें हैप्पी टेडडीबियर कह देते हैं।
क्या पता अगली बार ये खुश हो हमें जीता जाएँ।
© Manju Pandey Choubey