...

10 views

अमावस्या की रात
सालों की प्रथा को तुम इस तरीके से अपमान नहीं कर सकते बहुत बुरा पछताओगे मत करो ऐसा जो सालों से सोया हुआ है तुम क्यों उसे जगाना चाहते हो प्लिज़ मत करो ऐसा........!!!!!!!
ऐसा कह कर अवंतिका बागीचे से चली गई।
अनिकेत को समझ में नहीं आया की अवंतिका ने ऐसा क्यों कहा और अनिकेत भी अपने कमरे चला गया । अनिकेत अभी भी असमंजस में था की उसने क्यों बोला और वो दोबारा अवंतिका को उसके कमरे में मिलने को गया लेकिन अवंतिका अपने कमरे में नहीं थी वो घबराया.... उसने हर जगह देखा पर वो नहीं दिखी।
अचानक.....
अवंतिका की जोर से बचाओ बचाओ चिल्लाने की आवाज आती है अनिकेत सीढ़ियों की और भागता है छत पर पहुँचता है और देखते ही.....
अवंतिका छत की दीवार पर खड़ी अजीब तरह की धुन में है
अनिकेत अवंतिका को आवाज देता है अवंतिका.... अवंतिका क्या कर रही हो नीचे उतरो कहाँ खड़ी हो तुम तुम्हे पता भी है
तुम गिर जाओगी नीचे आओ.....
नीचे आओ अवंतिका
अवंतिका : तुम बीच में मत पड़ो तुम मारे जाओगे
अनिकेत : तुम पागल हो गई हो क्या बकवास कर रही हो
अवंतिका : अनिकेत को घूरते हुए
अनिकेत : गंगा जल छीड़कता है और अवंतिका बेहोश हो जाती है!
अनिकेत अवंतिका को नीचे लाता है और उसको सुला देता है और फिर बाद में खुद भी सो जाता है!
अगली सुबह....
अवंतिका अनिकेत को आवाज देते हुए कहती है अनिकेत.....
अनिकेत कहाँ हो मैंने चाय रखी हैं तुम्हारे लिए मैं कुछ समान लेकर आती हु घर का ऐसा केहकर
अवंतिका चाय टेबल पर रख बाजार चली जाती है!
अवंतिका जब बहुत देर तक घर नहीं पहुँचती तब अनिकेत काफी देर तक इंतज़ार करता है शाम होने को आई है अवंतिका तुम कहाँ हो जैसे ही कहता अवंतिका सामने आती हुई उसे दिखती है!
अवंतिका आती है दोनों साथ मिलकर चाय चुस्की लेते हसीं ठिठोली करते हैं और शाम का सत्वा पहर शुरू हो जाता है.....
अवंतिका रात के खाने की तयारी कर रही होती अचानक ही उसको अपने पीछे किसी के होने का आभास होता है लेकिन कोई नहीं होता अवंतिका को थोड़ा डर लगता है लेकिन फिर काम में मगन हो जाती है। दूसरी तरह अनिकेत अपने कमरे में दफ्तर के काम में व्यस्त था उसे भी अचानक एक झटका सा महसूस होता है और अनिकेत उठ खड़ा होता है अनिकेत अजीब सी रंजिश में गुम उपर की और छत पे जाकर अपने शरीर को ब्लेड से काटने लगता है ......
वही अवंतिका अनिकेत को खाने केलिए आवाज लगाती मगर कमरे से कोई जवाब नहीं आता तब अवंतिका अपने कदम दोनों के कमरे के तरफ बढ़ाती है कमरे में अनिकेत को न पाने से अवंतिका को समझ नहीं आता की अनिकेत इतनी रात को कहाँ जा सकता है उसके बाद वो छत पे जाती है तो देखते ही चिल्ला उठती है अनिकेत....
अनिकेत ये कर रहे हो तुम
अनिकेत का कोई जवाब नहीं आता
अनिकेत दूसरी धुन में था अनिकेत तुमने अपनी पूरी बाह छोटे छोटे से स्किन क्यों काट रखी है
अवंतिका अनिकेत को झटका देकर होश में लाती है
अनिकेत : मैं तो अपने रूम में था अवंतिका मैं यहाँ कैसे आ गया...????
अवंतिका : तुम्हे नहीं पता तुम यहाँ कैसे पहुँचे?
अनिकेत : आह ये खून मैंने अभी क्या किया अवंतिका बताओ मुझे?????
अवंतिका : तुम अभी शांत हो जाओ कल बात
करते हैं ।
दोनों नीचे आके खाना खा कर सो जाते है!
2 हफ्ते बीत गए सब सही चल रहा था अवमस्या की रात के बाद दोनों के बीच सब कुछ बदल गया.... ।
अमावस्या की रात

अवंतिका : अनिकेत सुबह हो गई है उठो दफ्तर नहीं जाना क्या उठो यार अनिकेत
अनिकेत : अरे मेरी प्यारी दो मिनट में उठता हूँ!
अवंतिका : अच्छा ठीक है तयार होकर नीचे आओ मैं नाश्ता लगाती हूं!
अनिकेत : हाँ ठीक है जाओ।
अनिकेत और अवंतिका दोनो का दिन ठीक गया
लेकिन रात के उस पहर की कल्पना शायद ही दोनो ने की थी ।
रात के 12 बजे अवंतिका की नींद टूटी प्यास से गला सुख रहा था भोजनालय से अवंतिका ने पानी पिया और पानी का ग्लास छूट गया अवंतिका ने ग्लास उठाया ग्लास को सलेप् पे रखा पीछे मुड़ी कमरे में जाने को हुई
सामने उसके उसकी बचपन की मरी हुई दोस्त खड़ी थी......
उसका चेहरा अद्धा फटा हुआ होठों से खून बह रहा था हाथों की कलाई उचटी हुई, एक टांग से लंगड़ी भयानक सा चेहरा अवंतिका के सामने खड़ा हो गया अवंतिका जोर से चिल्लाकर अपने कमरे की और भागी!!!!!!!
अनिकेत अनिकेत बचाओ मुझे
अनिकेत अवंतिका की आवाज सुनकर कमरे से निकल कर भोजनालय की और जाता है फिर वो
भयानक लड़की रूप बदल उसके सामने करीबी दोस्त का रूप धरती है और उसे भटका देती है!!!!!
अवंतिका को वो खीच के पैरो से पकड़ कर
खींच कर लेकर जाती है तैरिस् पे !
अनिकेत को शायद पहले से आभास हो गया था की अवंतिका और उसकी जा को खतरा हो सकता है इसलिए वो तांत्रिक को बुलाने ले गया
इधर......
अवंतिका डर कर बोली उससे तुम्हें क्या चाहिए
क्यों पड़ी हो तुम हमारे पीछे
सामने जवाब आया : तेरी मौत और
ऐसा केहकर वो उसपे हमला कर देती है ।
वो उसका गला दबाने की कोशिश करती है
उसे हवा में उड़ाती है उसे बहुत चोट पहुँचाती है
इतनी देर में......
अनिकेत की आवाज सुनाई देती है अवंतिका.....
अवंतिका अनिकेत को उस डायन ने भ्रम जाल में फसाया हुआ था वो तांत्रिक बाबा उसे अवंतिका के पास लेकर जाने में
सक्षम हुआ!
अवंतिका के पास पहुँचा अनिकेत अवंतिका की मदद करता है लेकिन वो माया इतनी प्रबल थी....
तेरी मौत चाहिए मुझे तुझे मैं लेकर जाऊंगी तु चल मेरे साथ.......
तांत्रिक बाबा ने दो तीन लोगों की सहायता से प्रबल शक्ति पर काबू पाया और माया वापस चली गई
अवंतिका की जान नहीं बच पाई वो हार्ट अटैक से मर गई और अनिकेत अकेला रह गया!
अंत में पंडित (तांत्रिक) बाबा कहता है कि आप हर अमावस्या को थोड़ा सा खीर छत दिया करें जिससे आप परेशां नहीं होंगे!!!!!
The End

Story by Swati❤
.
.
.
.
.
.
.
.
.
#amavasya
#ki
#raatein
#story
#avantika
#aniket
#horror