उसे जीतना बहुत पसंद
चंदन को शर्त लगाना और फिर उसे जीतना बहुत पसंद था। हर बात पर शर्त लगाना उसकी आदत में शुमार हो गया था। इसलिए चंदन को लोग शर्तिया चंदन कह कर बुलाते थे। आज फिर उस ने शर्त लगाई थी आनंद से कि वह बड़ी हवेली के बगीचे से दस आम तोड़ के लायेगा।
अब समझ में नहीं आ रहा कि आनंद की यह कोई सोची-समझी सियासत थी या फिर अफाक हुआ। के देशभक्त चंदन हवेली के बगीचे की दीवार फांद रहा था उसी वक्त दो चोर भी हवेली...
अब समझ में नहीं आ रहा कि आनंद की यह कोई सोची-समझी सियासत थी या फिर अफाक हुआ। के देशभक्त चंदन हवेली के बगीचे की दीवार फांद रहा था उसी वक्त दो चोर भी हवेली...