...

11 views

सन् 2020 और अमावस की रात
नमस्कार

आज चौथा दिन है इस साल के अंतिम माह का । ये साल 2020 सबको कुछ ना कुछ सीखा ही गया है । बहुतों के लिए ये साल अमावस की काली रात की तरह भयावह थी । ये अमावस की रात प्रेमचंद की कहानियों में भयानक होती थी अपने घुप्प अंधेरे की कालिमा के वजह से । आजकल बिना पांचांग के तो पता भी नहीं चलता अमावस का परंतु फिर भी साहित्य में इस अमावस की काली रात की भयावहता किसी के भी डर को बड़ी शालीनता से प्रभावशाली तरीके से उकेरती है । अमावस की भयावहता और बढ़ जाती है अगर पवन देव थोड़े ज्यादा व्यग्रता से गतिमान हो जाते हैं । और जब देव की व्यग्रता आस पास के पेड़ पौधे अपने पत्तों की सरसराहट से प्रस्तुत करने लग जाते हैं तो यकीन मानिए फिर उनके पुत्र का नाम ही सहारा दे पाता है भयभीत मन को । परंतु ऐसा केवल किसी अपरिचित स्थान पे...