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रॉन्ग नम्बर
#रॉन्गनम्बर #कहानी #पीड़ा

part 2


जीत बेचैनी में टहल ही रहा था कि घण्टी बजी फ़ोन की और उधर से गीत ही थी। उसने समय बताया मिलने का और फ़ोन रख दिया।

जीत समझ चुका का कि कुछ तो ऐसा है जो बेहद ही पीड़ादायी है.... क्योंकि ये व्यवहार गीत का उसको परेशान कर रहा था। फिलहाल तय समय पर पहुँच गया जीत उस रेस्टोरेंट में गीत से मिलने।

जैसे ही गीत आयी उसने कॉफी ऑर्डर की और कहने लगी कि जल्दी से इसे ख़त्म करो तुम्हें कुछ दिखाना है। दोनों ने कॉफी पी और गीत ले गयी एक होटल के कमरे में जीत को।

जीत ये सब देख कर हैरत में था कि ये हो क्या रहा है? वो पूछता रहा गीत से कि कहाँ ले जा रही हो..? पर गीत कह देती कि बस तुम चलो तो सही।

कमरे में जाते ही जरवाज़ा बंद किया गीत ने और एक झटके से अपने कपड़े उतार दिए। जीत चिल्लाया और उल्टी तरफ़ मुड़ गया।

जीत नाराज़ हुआ कि ये क्या तरीका है गीत। मुझे ये उम्मीद नहीं थी तुमसे। इतने सालों के बाद तुम वापस आयी हो जीवन में वो भी इस तरह......

गीत फूट फूट कर रोने लगी....कहने लगी एक बार देख तो लेते मेरी पीड़ा..... जीवन के आख़िरी क्षणों में हूँ .... मैंने अपना जीवन ख़त्म करने का फैसला ले लिया है। इसलिए तुमको आख़िरी बार मिलने आयी हूँ...पर जो तुम समझ रहे हो वैसा नहीं है....

बहुत हिम्मत के बाद जीत वापस मुड़ा .... पर ये क्या ...? देखते ही उसकी आँखों से आँसु बह निकले.... जीत बिलख बिलख कर रोने लगा.... उसने वापस दुपट्टा उड़ाया गीत को और पूछने लगा कि ये क्या है गीत??

गीत ने बताया कि...जीत तुमसे अलग होने के 4 साल बाद मेरी शादी दीपक से हुई। शुरू में तो सब ठीक ही था पर धीरे धीरे दीपक से दोस्त लोग आने लगे घर पर और दीपक ने मुझे ज़बरदस्ती सौंप दिया अपने दोस्तों को..... लाख मना किया, लाख समझाया, सैकड़ों बार लड़ाई-झगड़े हुए। पर मार पीट कर हर बार मुँह बंद कर दिया गया मेरा।

भाई तो है नहीं मेरा और पापा भी दिल के मरीज़ हैं.... उनको बताती भी कैसे..??
बस सह रही हूँ जिस्म के साथ आत्मा पर ये घाव।

जीत आज की रात आख़िरी है मेरी ....नोच नोच कर मुझे ज़िंदा लाश बना दिया है इन लोगों ने....पुलिस भी नहीं करती कुछ क्योंकि उसके दोस्तों में एक सिपाही भी है।

मेरी बच्ची है 15 साल की ...उसको हॉस्टल में भिजवा दिया था मैंने ताकि वो ये सब देखते हुए न हो बड़ी.... उसका पता तुमको दे रही हूँ...तुम बस ख्याल रखना उसका....उसके नाम पर 25 लाख फण्ड हैं जो काम आएंगे उसका ख्याल रखने में..... मुझे नहीं पता तुम्हारे घर में कौन कौन है....पर फिर भी बहुत मजबूर होकर ये ज़िम्मेदारी तुमको देकर जा रही हूँ....


to be continue........



© shaifali....✒️