रॉन्ग नम्बर
#रॉन्गनम्बर #कहानी #पीड़ा
part 2
जीत बेचैनी में टहल ही रहा था कि घण्टी बजी फ़ोन की और उधर से गीत ही थी। उसने समय बताया मिलने का और फ़ोन रख दिया।
जीत समझ चुका का कि कुछ तो ऐसा है जो बेहद ही पीड़ादायी है.... क्योंकि ये व्यवहार गीत का उसको परेशान कर रहा था। फिलहाल तय समय पर पहुँच गया जीत उस रेस्टोरेंट में गीत से मिलने।
जैसे ही गीत आयी उसने कॉफी ऑर्डर की और कहने लगी कि जल्दी से इसे ख़त्म करो तुम्हें कुछ दिखाना है। दोनों ने कॉफी पी और गीत ले गयी एक होटल के कमरे में जीत को।
जीत ये सब देख कर हैरत में था कि ये हो क्या रहा है? वो पूछता रहा...
part 2
जीत बेचैनी में टहल ही रहा था कि घण्टी बजी फ़ोन की और उधर से गीत ही थी। उसने समय बताया मिलने का और फ़ोन रख दिया।
जीत समझ चुका का कि कुछ तो ऐसा है जो बेहद ही पीड़ादायी है.... क्योंकि ये व्यवहार गीत का उसको परेशान कर रहा था। फिलहाल तय समय पर पहुँच गया जीत उस रेस्टोरेंट में गीत से मिलने।
जैसे ही गीत आयी उसने कॉफी ऑर्डर की और कहने लगी कि जल्दी से इसे ख़त्म करो तुम्हें कुछ दिखाना है। दोनों ने कॉफी पी और गीत ले गयी एक होटल के कमरे में जीत को।
जीत ये सब देख कर हैरत में था कि ये हो क्या रहा है? वो पूछता रहा...