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एक कहानी यह भी,, जब जानवर ने निभाई इंसानियत,,
हैलो दोस्तो मैं आप सब की प्यारी मुस्कान,, Aaj Tak मैने आपको अपनी काल्पनिक कहानियां ही सुनाई है,, लेकिन आज मै आपको जो कहानी सुनाने जा रही हूं वो कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है,,

तो दोस्तो ये कहानी कुछ इस तरह से शुरू होती है,,

एक बार की बात है मै और मेरे दोस्त
स्कूल की छुट्टियों में शिमला घुमने
गए थे,,

करीब दस घंटे के सफ़र के बाद हम काफी थक गए थे और हमे भूख भी लगी थी,,

तभी हमे वहा एक छोटा सा ढाबा दिखाई दिया और हम व्हा खाना खाने के लिए चले गए,,

हम खाना खा ही रहे थे तभी वहा पर एक छोटा सा प्यारा सा डॉगी का baby आ जाता है,,

वो cute सा baby बार बार हमारी तरफ अपनी मासूमियत भरी निगाहों से देख रहा था ,,

हमे लगा शायद वो भूखा होगा इसलिए हमने उसे एक रोटी खाने के लिए दे दी,, वो रोटी खा कर वहा से चला गया,,

उसके बाद हम काफी दिनों तक शिमला में घूमे और हमने बहुत मस्ती की,,

और आखिरकार हमारी छुटियां भी खत्म होने वाली थी तो हम वापस अपने घर जाने के लिए निकल पड़े,,

एक बार फिर हम उसी ढाबे पर थे लेकिन हमे वो डॉगी फिर नहीं दिखा,,और हमने खाना खाकर उस ढाबे को अलविदा कह दिया,,

हम लगभग कुछ ही दूर पर पहुंचे थे कि मेरे दोस्त को याद आया कि वो अपना volid तो वहीं भूल गया है,,

हम वापस उस ढाबे पर जा ही रहे थे कि तभी सामने से एक कार आती है,, और हम उस कार से टकराने ही वाले होते है की कोई हमारे आगे आ जाता है,,
और अपनी जान खतरे में डाल कर हमारी जान बचाता है,,

हम हैरान थे कि आखिर इस अनजाने शहर में हमारी जान किसने बचाई
तभी हम आगे की तरफ देखते है,, तो वहीं छोटा सा पप्पी घायल हुआ रोड़ पर पड़ा था,,

हम उसे जानवरो के हॉस्पिटल लेकर गए लेकिन तब तक उसने अपना दम तोड दिया था,,

हमारी आंखो में नमी थी ,, उस नन्हे फ़रिश्ते के लिए,,
और हम सोचने लगे कि उस दिन एक इंसान से ज्यादा
इंसानियत एक जानवर ने निभाई थी,,

!!एक सूखी रोटी की क़ीमत उसने अपनी जान देकर चुकाई थी!!

!!उस दिन हमे ये समझ आ गया कि जब हम किसी की मदद करते हैं तो उसका फल हमे जरूर मिलता है !!

!!और वो भी ऐसे समय पर जब हम उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते!!

!!इस कहानी को लिखते वक़्त आज भी मेरी इन आंखो में नमी है,, और जुबान
ख़ामोश पड़ी है!!
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