जहाँ जंगली जानवर इंसानों को खरीदकर खाते है ( भाग - 14 )
शेर :- अब बिना देर किए इनको खरीदना शुरू करो । जिसके पास बस दो ही इंसानो के शव है वह पिंजरा नंबर एक का शिकार करे । लेकिन पहले उन दोनो शवों को मेरे हवाले करे ।
तभी उन तेरह जानवरो मे से लोमड़ी आगे आती है इस बार लोमड़ी ने चालाकी दिखाई थी । वह अपने बच्चे को बचाने के लिए बस दो ही शव उठाती है । ताकि उसका नंबर सबसे पहले आए ।
लोमड़ी :- महराज! अगर आप चाहते है की मै इन शवो को आपके हवाले करू तो आपको पहले मेरे बच्चे को मुझे सौंपना होगा ।
लोमड़ी की इस चालाकी को देखकर बाघ मुस्कुराने लगता है और बोलता है ।
बाघ :- आखिरकार तुमने साबित कर ही दिया की तुम चालाक लोमड़ी हो ।
शेर भी लोमड़ी के बच्चे को अपने मुंह से दबा कर चटटान् से नीचे की और फैंक देता है । जिससे वह बच्चा नीचे आ गिरता है । रेतीली चटटान् होने के कारण उस बच्चे को कुछ नही होता और वह अपने बच्चे के पास चली जाती है ।
उन शवो को वही चटटान् की तरफ रख देती है जोकि शेर से बहुत नज़दीक थे । लोमड़ी अपने बच्चे को बाघ के पास छोड़कर पिंजरे मे कैद इंसान का शिकार करने के लिए आगे बड़ती है ।
पिंजरे मे कैद वो इंसान डर से अपने कदम पीछे लेने लगता है ।
लोमड़ी जब उसकी तरफ बड़ती है तो उसको एक-एक कर वह सभी बाते याद...
तभी उन तेरह जानवरो मे से लोमड़ी आगे आती है इस बार लोमड़ी ने चालाकी दिखाई थी । वह अपने बच्चे को बचाने के लिए बस दो ही शव उठाती है । ताकि उसका नंबर सबसे पहले आए ।
लोमड़ी :- महराज! अगर आप चाहते है की मै इन शवो को आपके हवाले करू तो आपको पहले मेरे बच्चे को मुझे सौंपना होगा ।
लोमड़ी की इस चालाकी को देखकर बाघ मुस्कुराने लगता है और बोलता है ।
बाघ :- आखिरकार तुमने साबित कर ही दिया की तुम चालाक लोमड़ी हो ।
शेर भी लोमड़ी के बच्चे को अपने मुंह से दबा कर चटटान् से नीचे की और फैंक देता है । जिससे वह बच्चा नीचे आ गिरता है । रेतीली चटटान् होने के कारण उस बच्चे को कुछ नही होता और वह अपने बच्चे के पास चली जाती है ।
उन शवो को वही चटटान् की तरफ रख देती है जोकि शेर से बहुत नज़दीक थे । लोमड़ी अपने बच्चे को बाघ के पास छोड़कर पिंजरे मे कैद इंसान का शिकार करने के लिए आगे बड़ती है ।
पिंजरे मे कैद वो इंसान डर से अपने कदम पीछे लेने लगता है ।
लोमड़ी जब उसकी तरफ बड़ती है तो उसको एक-एक कर वह सभी बाते याद...