बेवफ़ा से रिश्ता
जिस स्कूल के कमरे में मै पढ़ रहा था,
उसी कमरा के सामने एक बरगद का पेड़ लगा था।
कुछ लड़कियां उस पेड़ के छांव में बैठी थी।
मैंने अपनी किताब पढ़कर बैग में रख दिया। तभी कुछ घंटे के बाद स्कूल के चपरासी घंटी बजाने लगे, सभी लोग दोपहर के भोजन करने गए।
कुछ समय बाद जब लेंच खत्म हुआ तब सभी अपने अपने कमरे में चले गए।
हम वहीं खड़े हुए थे,, क्योंकि हमारे किताब का पैराग्राफ खत्म हो गया था।
हम खड़े होकर देख रहे थे, जो बरगद के पेड़ के लताएं होती हैं, वहीं पकड़े बच्चे झूल रहे थे।
वहीं हम एक नजर से देख रहे थे।
तभी जो लड़कियां के समूह में बैठी काली जुल्फों वाली उसी की नजर हम पर गई।
उसने हमें बुलाया और बोला.....।
आप किसको देख रहे हो ध्यान से,
हम तो आश्चर्यचकित हो गए। क्या हुआ हमसे कोई गलती तो...
उसी कमरा के सामने एक बरगद का पेड़ लगा था।
कुछ लड़कियां उस पेड़ के छांव में बैठी थी।
मैंने अपनी किताब पढ़कर बैग में रख दिया। तभी कुछ घंटे के बाद स्कूल के चपरासी घंटी बजाने लगे, सभी लोग दोपहर के भोजन करने गए।
कुछ समय बाद जब लेंच खत्म हुआ तब सभी अपने अपने कमरे में चले गए।
हम वहीं खड़े हुए थे,, क्योंकि हमारे किताब का पैराग्राफ खत्म हो गया था।
हम खड़े होकर देख रहे थे, जो बरगद के पेड़ के लताएं होती हैं, वहीं पकड़े बच्चे झूल रहे थे।
वहीं हम एक नजर से देख रहे थे।
तभी जो लड़कियां के समूह में बैठी काली जुल्फों वाली उसी की नजर हम पर गई।
उसने हमें बुलाया और बोला.....।
आप किसको देख रहे हो ध्यान से,
हम तो आश्चर्यचकित हो गए। क्या हुआ हमसे कोई गलती तो...