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गुड़िया (भाग 2)
इंस्पेक्टर विजय दुसरी लाश के बारे में सुनकर उसकी जांच पड़ताल करने चले जाते हैं, जांच पड़ताल से पता चलता है उस आदमी का नाम गिरीश है और उसकी उमर 28 साल की है और वो भी एक बिल्डर का बेटा है। गिरीश की पोस्टमार्टम से पता चलता है कि उसका खून भी रोहित की तरह से ही गया है, और इस बार भी हत्यारे के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है।
इंस्पेक्टर विजय गिरीश को देखने के बाद वापस अपने थाने आ जाते हैं, वह जब थाने पहुंचते हैं तो देखते हैं कि कमिश्नर पहले से ही थाने में बैठे हैं और उनके साथ एक आदमी भी है।
इंस्पेक्टर विजय: सर आप यहां, कैसे आना हुआ?
कमिश्नर : मुंबई शहर में दो ऐसी हत्या हुई हैं जो देखने वाले को झंझोर देने वाली हैं, मैं अभी वारदात स्थल से ही आ रहा हूं वहां मुझे पता चला कि उसी के जैसी एक और हत्या हुई इसलिए यहां आ गया और यहां आकर पता चला कि पहली हत्या की छानबीन करने वाला इंचार्ज दूसरी हत्या के बारे में पता करने गया है।
इंस्पेक्टर विजय: जी सर।
कमिश्नर : तो बतायें क्या पता चला है, कोई समानता?
इंस्पेक्टर विजय : बहुत सारी हैं सर, जैसे... दोनो को एक ही तरिके से मारा गया है और दोनो की लाश के पास दो दो चिज़ें मिले हैं... .
कमिश्नर : गिरीश के लाश के पास उसका आई कार्ड और एक गुड़िया मिली है तो क्या रोहित के...?
इंस्पेक्टर विजय: जी सर, रोहित के पास से भी वही दो चिज़ें मिली है और गुड़िया तो एक दम वही है।
कमिश्नर : और कुछ?
इंस्पेक्टर विजय : जी नहीं... हम अभी जांच पड़ताल कर रहे हैं
कमिश्नर : ठीक है, इनसे मिलो.. ये पुलिस के लिए काम करने वाले सीक्रेट डिटेक्टिव है, डिटेक्टिव अबीर। और आज से रोहित और गिरीश के हत्या की छानबीन ऑफिशियली यही करेंगे और तुम इनको रिपोर्ट करोगे।
इंस्पेक्टर विजय : हैलो सर।
जासूस अबीर: हैलो।
कमिश्नर कुछ देर बाद थाने से चले जाते हैं और डिटेक्टिव अबीर और इंस्पेक्टर विजय दोनों हत्याओं पर बात करने लगते हैं।
डिटेक्टिव अबीर: विजय, आपका दोनो हत्या पर क्या निष्कर्ष है, किसने मारा होगा उन्हें और क्यों?
इंस्पेक्टर विजय: मेरे ख्याल से दोनो को एक ही इंसान ने मारा है, किसने और क्यों ये तो मालुम नहीं पर जिसने भी मारा है बहुत गुस्से मे मारा है, जैसे वह रोहित और गिरीश से जन्मों से नफरत करता है।
डिटेक्टिव अबीर: चलो फिर पता करते हैं?
इंस्पेक्टर विजय : इस वक्त? रात होने वाली है।
डिटेक्टिव अबीर : काम के वक्त दिन रात नहीं देखते हैं...
इंस्पेक्टर विजय : मैं घर पर फोन कर देता हूं..
वे दोनो गिरीश के घरवालो से पुछताछ करने चले जाते हैं, पुछताछ करने पर उन्हें पता चलता है कि गिरीश का 1 महीने पहले किसी ईशान नाम के लड़के से झगड़ा हुआ था। डिटेल में पता करने पर पता चलता है कि ईशान एक बड़े बिजनेस मैन का बेटा है पर लड़ाई की बजह नहीं पता चलती है।
गुड़िया की जांच करने पर पता चलता है कि वैसी गुड़िया कहीं भी उपलब्ध नहीं है किसी ने उसे हाथों से बनाया है। डिटेक्टिव अबीर और इंस्पेक्टर विजय ईशान से भी पूछताछ करते हैं तो पता चलता है कि गिरीश और रोहित एक दूसरे को जानते थे, वे एक दूसरे के दोस्त थे।
डिटेक्टिव अबीर और इंस्पेक्टर विजय को ईशान पर शक होता है पर गिरीश की हत्या के तीसरे दिन उन्हें पता चलता है कि ईशान किडनैप हो गया है।


(जानने के लिए हमारे साथ बने रहें कि ईशान का किडनैप किसने किया और क्या ईशान का रोहित और गिरीश की मौत से कोई ताल्लूख है?)




#गुड़िया
© Sankranti chauhan