#बेटियां
यूं ही सोच रही थी मैं आज कि बहुत ही अजीब लगता है ना जब हम लाख चाह कर भी उन लोगों को समझ नहीं पाते जिनके साथ हम बचपन से रहते हैं। समझ में ही नहीं आता कि वो जो दिखते हैं जो होते हैं और जो सोचते हैं वो सब एक जैसा क्यों नहीं होता।
वो बचपन से हमें बहुत प्यार करते हैं हमारी हर छोटी से छोटी बात का, जरूरतों का, ख्वाहिशों का ख्याल रखते हैं, ऐसा लगता है जैसे इनसे ज्यादा हमारी खुशी का ख्याल हम खुद भी नहीं रख सकते। वो ही लोग जो बचपन में हमारे एक भी आंसू निकल जाने पर 10 बार पूछते थे क्या हुआ क्या हुआ......? हम उनसे ही अपने आंसू छुपाते छुपाते कब बड़े...
वो बचपन से हमें बहुत प्यार करते हैं हमारी हर छोटी से छोटी बात का, जरूरतों का, ख्वाहिशों का ख्याल रखते हैं, ऐसा लगता है जैसे इनसे ज्यादा हमारी खुशी का ख्याल हम खुद भी नहीं रख सकते। वो ही लोग जो बचपन में हमारे एक भी आंसू निकल जाने पर 10 बार पूछते थे क्या हुआ क्या हुआ......? हम उनसे ही अपने आंसू छुपाते छुपाते कब बड़े...