...

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मेरी ट्रेन की प्रेम यात्रा भाग दो
जैसा कि मैंने पहले ही बताया की हम दोनों का लुफ्त वो छोटी लड़की उठा रही थी।
वो कहते है न ।
देखन में छोट लगे पर घाव करत गंभीर ।
तो कुछ ऐसा दृश्य बन चुका था और ठंड अब और बढ़ चुकी थी तब तक अगला स्टेशन भी आ गया तभी वहां कुछ कुराफाती किन्नर आ गए अब रात सवा बारह बजे जब सभी नीद की गहरी अंगड़ाइयां के रहे थे अब किन्नर सबको जगा जगा ए निकाल र निकाल दे
अब वो लड़की मुंह छुपा छुपा वो ठहाके लगा रही थी कि क्या बताऊं हसी मुझे भी आ रही थी मगर क्या करे अब एक किन्नर मेरे पास ।
चल निकाल चिकने मै अरे मैम पैसा नहीं है।
अबे ओ निकलता है फिर मैंने हाथ से...