...

78 views

एक फिल्मी डायलॉग ,, मर्द को दर्द नहीं होता,,
हैलो दोस्तो मैं आप सब की प्यारी मुस्कान,,😊🙏

एक बार फिर से हाज़िर हू लेकर आपके सामने अपनी काल्पनिक कहानियों की किताब ,,

सन् 1985,, में आईं एक फ़िल्म मर्द में एक डायलॉग फ़िल्म के नायक ने बोला था ।

कि मर्द को दर्द नहीं होता,, देखते ही देखते ये डायलॉग इतना फेमस हो गया कि लोगो की ज़िन्दगी में इसका महत्व , बढ़ गया,,

लोगो ने इसे सच मान लिया,,
पर क्या?
कभी किसी ने सोचा है कि इस डायलॉग में कितनी सच्चाई है,, शायद किसी ने भी ना सोचा हो कभी
ख़ैर छोड़िए जाने दीजिए बात करते हैं
मेरे नज़रिए की तो मेरे नज़रिए में इस बात में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं,,

"अरे भाई आख़िर? क्यों नहीं होगा मर्द को दर्द क्या? वो इंसान नहीं"

"या फिर उनके सीने में दिल नहीं
क्या उनके पास जज़्बात नहीं"

क्यों? लड़के रोए तो वो कमज़ोर
बन जाते हैं ,, जानते हो लड़के कभी
खुल कर अपने ज्जबात बयां क्यों?
नहीं कर पाते हैं,,

इसका सबसे बड़ा कारण है लोगो की
सोच और उनकी मानसिकता जिसका
मानना है कि लड़को को रोना शोभा नहीं देता ,, रोना धोना तो सिर्फ लड़कियों का ही काम है,,

पता है हमारे समाज में लड़को
को बचपन से ही सिखाया जाता है कि बेटा लड़के रोते नहीं लड़के स्टॉर्ग होते हैं ,,
उन्हें यू लडकियो की तरह आंसू
बहाना शोभा नहीं देता,,

मुझे एक बात समझ नहीं आती कि क्या लड़को के पास दिल नहीं दिमाग नहीं क्या उनके अंदर जज़्बात नहीं ,,
अगर ये सब कुछ है उनके पास तो क्यों? उन्हे दर्द नहीं होगा ,,

क्यों वो खुद के जज़्बात छुपाए जब लड़के किसी अपने को खोते हैं तो दर्द उन्हे भी होता है,,

प्यार, नफ़रत हंसना रोना ,, सारे emotion to ek जैसे ही है तो भला कैसे नहीं होगा मर्द को दर्द ,,

तो मेरे हिसाब से ये बात गलत है दर्द सबको होता है आंखो से आंसू भी सबके बहता है तो फिर हम ये कैसे सोच सकते हैं कि मर्द को दर्द नहीं होता है,,

एक वैचारिक सोच,,
मेरे नज़रिए से आपकी प्यारी मुस्कान
द्वारा रचित📝😊,,
© All Rights Reserved