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The History of Mahakal (महाकालेश्वर)

#WritcoStoryChallenge
( In both English and Hindi )

Among 12 jyotirlingams(Jyotir Lingam means the Radiant Sign of The Almighty Shiv) The MAHAKAL LINGAM is the only Optimal lingam ~~as said.

कहते हैं कि 'आकाशे तारकं लिंगं पाताले हाटकेश्वरम्। भूलोके च महाकालो लिंड्गत्रय नमोस्तु ते।।' अर्थात आकाश में तारक शिवलिंग, पाताल में हाटकेश्वर शिवलिंग तथा पृथ्वी पर महाकालेश्वर ही मान्य शिवलिंग है।


UJJAIN HAS only one lord who is THE MAHAKAL RAJA .
no king from ancient times has ever spent a night in ujjain Even today no president or political leader had ever spent a night in ujjain
उज्जैन का एक ही राजा है और वह है महाकाल बाबा। राजा भोज राजा विक्रमादित्य से लेकर अभी तक कोई भी राजा प्रधानमंत्री आदि यह रात नही रुक सकते।

इस प्राचीन मंदिर की गाथा कुछ इस तरह है।।
Tale of this Ancient beauty is as follows--


6वी ईसाई सदी में
घटा कुछ ऐसा था
दूषण असुर ने रुला भक्तो को
मचाया हाहाकार कुछ वैसे था।

In 6th ISAI century
something so happened
that Evil Dooshan
made ruckus in Ujjayini.

जब वो दौड़ा मारने
शिवभक्तों को था
अपनी एक गुहार पर ही
बुलाया...